इंदौर ! पाकिस्तान से अपने वतन लौटी गीता मंगलवार को दिल्ली से विमान से इंदौर पहुंच गई, जहां उसका जोरदार स्वागत हुआ। भावुक पलों के बीच किसी ने चुनरी उढ़ाई तो किसी ने गले लगाकर उसका स्वागत किया। हवाई अड्डे पर उसके स्वागत के लिए प्रशासनिक अफसर, राजनेताओं से लेकर हाथ में तख्तियां लिए मूक बधिर भी थे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा सोमवार को गीता को इंदौर भेजने के ऐलान के बाद से यहां के लोग और मूक बधिर उनके स्वागत को लेकर खासे उत्साहित थे। मंगलवार को गीता केंद्रीय सामाजिक न्याय और कल्याण मंत्री थावर चंद गहलोत के साथ इंडिगो की फ्लाइट से इंदौर पहुंची। हवाई अड्डे पर मौजूद महापौर मालिनी गोड और विधायक अर्चना चिटनीस सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।
यहां मौजूद लोगों ने गीता का अपने ही तरीके से स्वागत किया, किसी ने उसे चुनरी उढ़ा दी, तो कोई गले लगाकर उसका स्वागत कर रहा था। वहीं हवाई अड्डे के बाहर खड़े मूक बधिर हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिन पर गीता और उसके स्वागत के संदेश लिखे हुए थे।
गीता को हवाई अड्डे से स्कीम नंबर 71 में स्थित मूक बधिर संस्थान ले जाया गया, यही संस्थान अब उसका अस्थाई घर होगा। यहां उसे साइन लैंग्वेज (इशारों की भाषा) में पारंगत किया जाएगा। इस संस्थान में पहुंचते ही गीता का बच्चों ने जोरदार स्वागत किया। बच्चों से इशारों में गीता ने कहा कि वह यहां आकर खुश है, और थक गई है, इसलिए सुबह बातचीत करेगी।
इस मौके पर महापौर गोड ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि गीता हमारे परिवार की सदस्य है और उसे उसी तरह यहां के मूक बधिर संस्थान में रखा जाएगा।
जिलाधिकारी पी. नरहरि ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए बताया कि पाकिस्तान से दिल्ली होते हुए गीता इंडिगो की फ्लाइट से इंदौर पहुंची है, यहां के स्कीम 71 में स्थित मूक बधिर संस्थान में गीता रहेगी, जहां उसकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से संस्थान को निर्देश जारी किए गए हैं।
गीता के इंदौर पहुंचने से पहले यहां के मूक बधिर बीते एक पखवाड़े में कई बार स्काईप के माध्यम से इशारों के जरिए संवाद कर चुके हैं, अब वह उनके बीच है, वे उससे तरह-तरह के सवाल पूछने की योजना बना रहे हैं।

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