1111111ग्वालियर। ग्वालियर-झांसी और बीना तक रेलवे ट्रेफिक के लिये तीसरी लाइन का कार्य शीघ्र शुरू होगा। इसके साथ ही ग्वालियर इटावा रेलवे ट्रेक पर ट्रेनों की स्पीड भी शीघ्र बढ़ाई जायेगी। इंदौर ग्वालियर भिंड इंटरसिटी को इटावा-कानपुर तक ले जाने का भी प्रस्ताव है। उक्त जानकारी आज उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अरुण सक्सैना ने ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान दी।
उन्होंने अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मथुरा, आगरा, ग्वालियर और झांसी तक के तीसरी लाइन के कार्य को रेलवे बोर्ड से अनुमति मिल गई है। अब इसका कार्य शीघ्र शुरू कराया जा रहा है। इस पर 3.500 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इसी के साथ झांसी-बीना के भी तीसरी लाइन के कार्य को भी मंजूरी मिल गई है। इस पर भी 3.500 करोड़ रुपये का खर्चा आयेगा। महाप्रबंधक सक्सैना ने बताया कि तीसरी लाइन के इन प्रोजेक्ट्रों की डी.पी.आर. भी बनकर तैयार है।
महाप्रबंधक ने ग्वालियर आगरा झांसी ट्रेक पर और नई ट्रेनें फिलहाल चलाये जाने से इंकार करते हुये कहा कि अभी इस ट्रेक पर 127 प्रतिशत ट्रेफिक है जो बहुत अधिक है। हमें इसी कारण तीसरी लाइन के निर्माण पर सोचना पड़ा है लेकिन ग्वालियर-भिंड इंदौर इंटरसिटी को इटावा होकर कानपुर ले जाने का जरूर प्लान है। इससे इंदौर और ग्वालियर को सीधे इटावा कानपुर से जुडऩे का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में विचाराधीन है, उसके आते ही इस पर कार्य शुरू हो जायेगा।
महाप्रबंधक सक्सैना ने कहा कि ग्वालियर भिण्ड इटावा सेक्शन पर ट्रेनों की गति और बढ़ाई जायेगी। अभी रेलवे सुरक्षा मानक के अुनसार कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ने जांच भी की है। इस ट्रेक पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाडिय़ां भी चलाई जा सकेंगी। अभी-अभी इस ट्रेक पर 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से गाडिय़ां चल रही हैं। यहां लेवल क्रॉसिंग व अन्य कार्य भी ट्रेक पर करा लिये गये हैं। महाप्रबंधक सक्सैना ने ग्वालियर श्योपुर नैरोगेज के संदर्भ में पूछे गये सवाल पर कहा कि इसी स्वीकृति रेलवे बोर्ड से प्राप्त होना शेष है, उसके बाद ही इस पर कार्य शुरू हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि ग्वालियर में एस्केलेटर और अन्य प्राथमिक सुविधाओं के संदर्भ में उनका ध्यान आकृष्ट कराया गया है, वह इस पर विचार करेंगे। बैंगलोर राजधानी एक्सप्रेस व कुछ अन्य सुपर फास्ट ट्रेनों के रखरखाव पर महाप्रबंधक सक्सैना का कहना था कि हमें (रेलवे को) पूरे देश के हिसाब से चलने और गंतव्य तक पहुंचने की टाईमिंग करनी पड़ती है। एक स्थान पर दो मिनट के स्टॉपेज से भी 15-20 मिनट का ट्रेन परिचालन पर प्रभाव पड़ता है। इसीलिये इस पर सोच विचार कर निर्णय लिया जाता है।
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक ए.के. मिश्रा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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