ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड शहर में वर्षायोग के लिए आए जैनाचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि यदि घर गृहस्थी में सुख होता तो मुनि मुद्रा धारण नहीं करना पडती। जिस भूमि पर नारायण कृष्ण ने आकर गायों को चराया हो, जहां भगवान महावीर स्वामी ने दिव्य देशना की हो, आचार्यों और मुनियों ने साधना की हो ऐसे भिण्ड की भूमि त्यागियों की उर्वरा भूमि है। भारत वर्ष में जितने भी मुनि संघ हैं उन सभी में भिण्ड का कोई न कोई त्यागी है। यहां के युवाओं में जबरदस्त ऊर्जा है। उनमें पुण्य और पाप भरा हुआ है। इन्हें दिशा मिल जाए तो यह सही मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं। यहां के कई युवा जैन शासन की ध्वजा फहरा रहे हैं। यह बहुत अच्छा है।

नगर में मंगल प्रवेश के बाद स्थानीय बद्रीप्रसाद बगिया प्रांगण में विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि जीवन का सदुपयोग बाहरी आडंबर से नहीं बल्कि साधना से संभव है। जीवन जितनी अच्छी साधना व प्रभु की भक्ति होगी। आत्मा का कल्याण उतना ही अच्छा और सुंदर होगा। उन्होंने कहा तीर्थंकर भगवान कभी गरीब के घर नहीं जन्मे, सभी तीर्थंकर सम्राट थे, जिन्होंने सुख, वैभव को त्यागकर मुक्ति मार्ग अपनाकर दिगंबर दीक्षा ली और मोक्ष की प्राप्ति की। आज हम सभी उनकी त्याग, तपस्या की भक्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें मनुष्य जीवन का पूरी तरह से सदुपयोग करते हुए जीव दया का धर्म अपनाकर आत्म कल्याण के लिए साधना करते हुए जीवन को सार्थक करना चाहिए। धर्मसभा के अंत में संत विशल्य भारती ने विधान के संदर्भ में श्रद्धालुओं को जानकारी दी।

जैनाचार्य का 18 मुनिराज के साथ भिण्ड शहर में मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य संघ के मंगल प्रवेश पर पुरुष सफेद वस्त्रों में तथा महिलाएं रंगीन परिधान में कदमताल करते हुए चल रही थीं। कमेटी एवं ग्रुप द्वारा गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश से बैंड मंगाए गए थे। इनके वाद्य यंत्रों से सुमधुर भक्तिमय भजनों पर पुरुष, महिलाएं, बालक- बालिकाएं नाचते झूमते हुए चल रहे थे। भिण्ड के इतिहास में पहली बार इतनी जबरदस्त भीडभाड देखने को मिली। लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर आचार्य संघ की अगवानी की। धर्म सभा के बाद ही अपने प्रतिष्ठान खोले।

कार्यक्रम का शुभारंभ गणाचार्य विराग सागर महाराज के चित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। पाद प्रक्षालन भिंड के विजय कुमार, आनंद कुमार, दीपक जैन परिवार द्वारा किया गया। आचार्य संघ के नगर में प्रवेश पर पूर्व सांसद डॉ. रामलखन सिंह, पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह, नगर पालिका प्रतिपक्ष नेता आशा रतन चंद्र जैन सहित जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने अगवानी की और आचार्य संघ के साथ- साथ चले। कलेक्टर छोटे सिंह ने भी आचार्य को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। वर्षायोग कमेटी एवं अहिंसा ग्रुप के कार्यकर्ताओं ने 51 थालियां सजाकर पाद प्रक्षालन, अभिनंदन और वंदन किया। शास्त्र पदम चंद्र जैन, सोनू जैन, मोनू जैन इंदौर द्वारा भेंट किए गए।

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