मध्य प्रदेश  के जिस कंपनी में एक शख्स कभी चपरासी हुआ करता था, अब वह उसी कंपनी का चेयरमैन बन गया. उसने निवेश के नाम पर करोड़ों रुपयों की जालसाजी  की. आरोपी की चालाकी और लोगों को ठगने की कला की वजह से गिरोह के सरगना ने उसे चेयरमैन बनाया, लेकिन जब आरोपियों के खिलाफ कानून का शिकंजा कसा तो एक के बाद एक कर गिरोह के कई सदस्य सलाखों के पीछे भेजे गए. कंपनी के इस चेयरमैन को भी कोर्ट ने जेल भेज दिया है.

जनसंपर्क अधिकारी (लोक अभियोजन, भोपाल संभाग) मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 26 जून 2015 को फरियादी शारदा बाई एवं अन्‍य तीन लोगों ने थाना एमपी नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया कि साईं प्रकाश प्रॉपर्टी डेवलपमेंट नामक चिटफंड कंपनी के सीएमडी पुष्‍पेन्‍द्र बघेल आरोपी सुरजीत वर्मा, शिल्‍पा शर्मा और अन्‍य लोगों ने 2010 में धार जिले में बीमा, बैकिंग का कार्य शुरू कर गरीब जनता से करोड़ों रुपए इकट्ठे किए. आरोपियों ने भोले भाले लोगों को बताया था कि उनकी कंपनी आरबीआई और आईआरडीए से पंजीकृत है. इसे बैकिंग निवेश का अधिकार है, लेकिन उपभोक्‍ताओं को उनके पैसे वापस नहीं किये गये. फरियादी शारदा बाई ने साईं प्रकाश में 10 लाख रुपये, संजय पाटीदार ने 24 लाख रुपये, अशोक सोलंकी ने 7 लाख 92 हजार, नारायण पाटीदार ने 10 लाख और भैरूलाल पाटीदार ने 3 लाख 50 हजार रुपये निवेश किये थे.


पुलिस ने विवेचना के दौरान बीते 11 सितंबर को आरोपी वचन सिंह को गिरफ्तार किया था. आरोपी ने बताया कि पुष्‍पेन्‍द्र सिंह बघेल से उसकी मुलाकात हुई थी. इसके बाद में उसे कंपनी में चपरासी की नौकरी मिल गई. फिर उसे सीधे कंपनी का चेयरमैन बना दिया गया. कंपनी के मौजूदा चेयरमैन आरोपी वचन सिंह को कोर्ट ने सलाखों के पीछे भेज दिया है. भोपाल जिले के मुख्‍य न्‍यायिक दण्‍डाधिकारी निशीथ खरे की अदालत ने वचन सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी.

पीड़ित लोगों ने बताया कि आरोपियों ने अन्‍योदय प्रोड्यूसर एवं चम्‍बल मालवा मल्‍टीस्‍टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी नामक कंपनी खोली थी. इसमें आरोपी सुरजीत की पत्‍नी डायरेक्‍टर है. वर्तमान में गण‍पति होटल (तीसरी मंजिल, एमपी नगर, भोपाल) में इसका ऑफिस संचालित हो रहा है. यहां कथित आरोपी शिल्‍पा शर्मा रिजनल मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं. उक्‍त कंपनी के साथ साथ साई प्रकाश कंपनी भी यहीं से संचालित हो रही है. सेबी ने साई प्रकाश कंपनी को प्रतिबंधित कर रखा है. ठगी के शिकार हुए लोगों ने यह भी बताया कि जब वह पैसे वसूलने पहुंचे थे तो उन्‍हें जान से मारने की धमकी दी गई. इनके ऑफिस में गुंडे तैनात थे.

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