अशोकनगर ! गर्मियों की शुरूआत होने के साथ शहर में जलसंकट गहराने लगा है। पॉस इलाकों की बात छोड़ दें तो शहर के बाहरी इलाके और पिछड़ी बस्तियों में जलसंकट से लोग जूझ रहे हैं। बस्तियों में लगे हैण्डपंप सूख चुके हैं। इक्का-दुक्का हैण्डपंपों में ही पानी बचा है, जिस पर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। पिछड़ी बस्तियों में जिनके यहां निजी बोर में अच्छा पानी है वहां लोगों को पेयजल के लिए कीमत चुकानी पड़ रही है। नगरपालिका द्वारा अभी तक शहर के बाहरी इलाकों और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में टैंकरों से पानी सप्लाई की मांग होने के बाद भी शुरू नहीं किया गया है।
अधिकांश हैण्डपंप सूखे : शहर के 22 वार्डों में लगे नगरपालिका के हैण्डपंप अधिकांशत: जलस्तर उतर जाने के कारण सूख गए हैं। जिनमें से पानी नहीं निकल रहा है। वार्डों में लगे इक्का-दुक्का हैण्डपंपों में जहां पानी है वह भी बहुत देर में निकलता है। अधिक गहराई पर होने की वजह से गंदा और मटमैला पानी निकल रहा है। वहां भी लोगों की पानी के लिए लाइन लगी रहती है।
पिछड़ी बस्तियों में बिक रहा है पानी: शहर के बाहरी इलाकों और पिछड़ी बस्तियों में जहां निजी बोर लगे हैं वहां लोग जरूरत और पीने के लिए पानी की कीमत देकर पानी भर रहे हैं। जहां 700 रुपये माह से लेकर पांच से पंद्रह रुपयेे केन (15 लीटर) कीमत चुकाकर पानी खरीद रहे हैं और अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
बस स्टैण्ड पर नहीं है पानी : नए बस स्टैण्ड क्षेत्र में पानी की किल्लत बढ़ गई है। जहां होटल हलवाई की दुकानें हैं, जिन पर दुकानदार दूर से पानी लेकर आते हैं। इसके अलावा टैंकर खरीदकर अपने यहां पानी का स्टॉक करते हैं। वह दुकान पर आए ग्राहकों को पानी पिलाते हैं। बस स्टैण्ड में न तो प्याऊ का इंतजाम है और न ही कोई ऐसा हैण्डपंप है जिस पर यात्रियों को पीने पानी मिल सके। मजबूरी में यात्री होटलों से सामान खरीदकर या पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझा रहे हैं।
नपा ने मांगे 50 लाख : नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा जिला प्रशासन से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पिछले दिनों पत्र लिखकर जिला प्रशासन से 50 लाख रुपये पेयजल व्यवस्था के लिए स्वीकृत करने की मांग की है, जिससे नगर में टैंकरों के माध्यम से पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से किया जा सके।
नहीं हुई टंकियां चालू : शहर में नगरपालिका द्वारा जलप्रदाय व्यवस्था की जाती है लेकिन आबादी के मान से पानी की व्यवस्था गड़बड़ा रही है। शहर बढ़ गया है, जलप्रदाय के साधन पुराने हैं। ऐसे में नगरपालिका द्वारा शहर के अन्य इलाकों में जलप्रदाय की टंकियां बनवाई गई हैं। साथ ही दूसरा फिल्टर प्लांट भी लगभग तैयार है लेकिन पाईप लाइन बिछाने के साथ तकनीकी कारणों के चलते अभी तक न तो नई जलप्रदाय की टंकियों से जलप्रदाय शुरू किया गया न ही नए फिल्टर प्लांट को शुरू किया गया और शहर के नागरिकों की लगातार मांग के बाद भी उन्हें नए नल कनेक्शन देना शुरू नहीं किया गया है।