इंदौर ! इंदौर और भोपाल केन्द्रीय जेल के पूर्व पुलिस अधीक्षक पीबी सोमकुंवर के खिलाफ लोकायुक्त ने शनिवार को विशेष न्यायालय में तीन चालान पेश किए। सोमकुंवर के खिलाफ लोकायुक्त ने यह चालान आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में पेश किए हैं। गौरतलब है कि लोकायुक्त टीम को सोमकुंवर के पास तीन शहरों में 15 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति मिली थी। इस मामले में आज न्यायालय में चालान पेश करने के दौरान मौजूद श्री सोमकुंवर को विशेष न्यायधीश ने जेल भेजने का आदेश दिया। अब उन्हें उसी जेल में कैदी के रूप में रहना पड़ रहा है जहां के वे अधीक्षक रहे हैं।
हालांकि सोमकुंवर के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी लगाई थी किन्तु विशेष लोक अभियोजन ने इसका विरोध करते हुये इसे बड़े भ्रष्टाचार का मामला बताया।
वर्ष 2012 में सेंट्रल जेल इंदौर के पूर्व अधीक्षक पुरुषोत्तम सोमकुंवर के इंदौर, भोपाल और छिंदवाड़ा स्थित आवासों पर लोकायुक्त ने छापामार कार्रवाई की थी। इसमें उनके पास से 15 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ था।
ढाई वर्ष पूर्व हुई कार्रवाई के दौरान उनके पास से कुल 7.65 लाख रुपए और लॉकर से 12 हजार रुपए नकद मिले थे। लोकायुक्त टीम को भोपाल में सोमकुंवर के चार मकान मिले थे। इनमें चूना भट्टी में दो, एक कोलार रोड पर और एक इंद्रपुरी में थे। इंद्रपुरी वाले मकान में गर्ल्स होस्टल संचालित किया जा रहा था।
टीम को सोमकुंवर के इंदौर और भोपाल में सात बेशकीमती भूखंड मिले थे। इनमें से पांच भोपाल और दो इंदौर में। करीब 14 एकड़ कृषि भूमि का भी पता चला था। छापे में 50 लाख का घरेलू सामान, अकेले इंदौर की बैंक में जमा 75 लाख रुपए का भी पता चला था। भोपाल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की टीटी नगर शाखा से लॉकर में 2 लाख रुपए के जेवर, 12 हजार रुपए नकद मिले थे। वहीं इंदौर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा पलासिया में एक लॉकर के भी दस्तावेज मिले थे। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार स्वर्णाभूषण सहित दस्तावेज के मान से पांच करोड़ और उस समय के गाइड लाइन के हिसाब से 15 करोड़ की संपत्ति मिली थी।
वर्ष 1987 में जेलर के पद पर नौकरी में आने के बाद झाबुआ, ग्वालियर, सौंसर, छिंदवाड़ा, भोपाल और इंदौर में पदस्थ सोमकुंवर की सैलरी छापे के दौरान 37 हजार रुपए थी। लोकायुक्त पुलिस द्वारा संकलित जानकारी के अनुसार 23 वर्ष के कार्यकाल में उनका वेतन 30 लाख रुपए बनता था, जिसके मुकाबले मिली लगभग 15 करोड़ की संपत्ति 50 गुना अधिक थी।
सोमकुंवर पर भ्रष्टाचार, गुंडों से सांठगांठ के अलावा कैदी की जमीन हड़पने का भी आरोप लगा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार जब सोमकुंवर भोपाल की जेल में पदस्थ थे तब उन पर दवाई-गोली व भोजन में करीब 10 लाख रुपयों की हेरा-फेरी का आरोप भी लगा था। इंदौर के गुंडे युवराज उस्ताद से भी सांठ-गांठ की बात सामने आई थी। इसके अलावा खरगोन के एक कैदी कड़वा राम की जमीन की फर्जी तरीके से पावर ऑफ अटार्नी किसी दूसरे को देकर जमीन हड़पने के मामले की शिकायत आई थी।