इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में नगर निगम रोड स्थित विवादित मकान को तोडने की कार्रवाई शुक्रवार सुबह शुरू हो गई। निगम ने कार्रवाई की सूचना जिला प्रशासन के एडीएम को दे दी थी। भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में दो मंजिला मकान जेसीबी की मदद से गिराया गया। मौके पर 4 पुलिस थाना और एक महिला थाने की के 5 टीआई, रिजर्व बल सहित 100 पुलिसकर्मी मौजूद थे। नगर निगम के भवन अधिकारी असित खरे भी यहां मौजूद थे, जिनका उस दिन विधायक आकाश विजयवर्गीय से विवाद हुआ था। मकान तोडने को लेकर भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को जेल तक जाना पडा। लेकिन फिर भी वह मकान को नहीं बचा पाए।
निगम के बिल्डिंग ऑफिसर (बीओ) असित खरे ने बताया कि मकान में रहने वाले एक किराएदार भेरूलाल श्रीवंश ने खुद संपर्क कर फ्लैट की चाबी ली जबकि बुधवार को वह नहीं मिला तो निगम अधिकारियों ने उसके बेटे के स्कीम-78 स्थित घर पर जाकर नोटिस दिया था।
बीओ ने बताया कि जर्जर मकान में उनका जो सामान रखा था, उसे निगम के डंपर की मदद से भूरी टेकरी स्थित शहरी गरीबों के फ्लैट (सी-210) में शिफ्ट कर दिया गया है। किराएदार ने स्थायी रूप से फ्लैट लेने की इच्छा जताई तो उसे कहा गया है कि फ्लैट खरीदने के लिए फॉर्म भरना होगा और छह-सात लाख रुपए देने होंगे।