इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में जीएसटी टैक्स घोटाले में नाम आने के बाद कर सलाहकार गोविंद अग्रवाल ने इंदौर के जावरा परिसर में कृष्णा अपार्टमेंट के दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। दरअसल, वाणिज्यिक कर विभाग ने 250 करोड के इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले के सिलसिले में 5 जुलाई को 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे, इसमें अग्रवाल की मुराई मोहल्ला स्थित फर्म सहित तीन ठिकाने भी शामिल थे। उनका दफ्तर भी सील कर दिया गया था। तभी से उनसे लगातार पूछताछ की जा रही थी। गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए अग्रवाल ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी। दोपहर में सुनवाई होनी थी, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने आत्महत्या कर ली। इस मामले में उनके बड़े भाई संतोष ने आरोप लगाया कि सीए रवि गोयल व कारोबारी देवेंद्र शर्मा परेशान कर रहे थे। जीएसटी केस सेटल करने के नाम पर भी राशि मांगी जा रही थी। परिजनों का यह भी आरोप है कि पूछताछ के नाम पर जीएसटी की टीम रोजाना परेशान कर रही थी, मौत के एक दिन पहले भी रात 1.30 बजे तक उनसे पूछताछ की गई, उन्होंने करीब ढाई लाख रुपए का टैक्स भी भरा था। सीएसपी ज्योति उमठ का कहना है कि अभी मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई है। परिजन ने कुछ लोगों पर आरोप लगाया है। इसकी जांच शुरू कर दी गई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ढाई सौ करोड की जो फर्जी बिलिंग की जांच विभाग कर रहा है, इसमें अग्रवाल के परिजन के नाम पर बनी फर्म का भी नाम था और इसमें 20 करोड की फर्जी बिलिंग का काम इनकी फर्म के नाम पर आ रहा था। विभाग इसकी जांच कर रहा था। जीएसटी में दो करोड से अधिक की कर चोरी में जमानती गिरफ्तारी और पांच करोड से अधिक की कर चोरी में गैर जमानती गिरफ्तारी है।

स्टेट टैक्स कमिश्नर डीपी आहूजा ने बताया कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, विभाग टैक्स चोरी पर जांच कर रहा था, अभी जांच जारी ही थी और यह किसी एक व्यक्ति पर नहीं होकर पूरे नेटवर्क पर छापा था, जिसमें 20 से ज्यादा फर्म जुडी हुई थीं।

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