इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम को कारोबारी जीतू सोनी के होटल बेस्ट वेस्टर्न के अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई रोकनी पडी। प्रबंधन ने निगम द्वारा होटल में अवैध निर्माण को लेकर दिए गए नोटिस का जवाब देने के लिए 48 घंटे के समय को कम बताते हुए याचिका दायर की थी। जिस पर गुरुवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रबंधन को जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया। इसके पहले अवैध निर्माण की पुष्टि होने के बाद जीतू सोनी के घर और तीनों होटलों पर निगम, प्रशासन और पुलिस ने सुबह एक साथ अवैध निर्माण जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू की थी।
वकील विशाल बाहेती ने बताया कि 2 दिसंबर 2019 को नगर निगम ने होटल के संबंध में एक नोटिस देकर 4 दिसंबर तक जवाब मांगा था। इसमें उन्होंने कहा था कि होटल में हुआ कुछ निर्माण नक्शे के अनुसार नहीं है। इस मुद्दे को लेकर हमने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी कि जवाब देने के लिए 48घण्टे बहुत कम हैं। यह होटल 2009-10 से बना हुआ है और नगर निगम से स्वीकृत नक्शे के अनुसार ही बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद भी निगम ने बिना सुनवाई का अवसर दिए यहां तोडफोड़ शुरू कर दी। जस्टिस विवेक रसिया ने हमारे पक्ष को मानते हुए 7 दिन में नगर निगम के नोटिस का जवाब देने को कहा है। जवाब पेश होने के बाद सुनवाई का मौका दिया जाएगा। हमारा पक्ष जानने के बाद नगर निगम कौन सही है कौन गलत, इसे लेकर जवाब पारित करेगी। इसकी सूचना हमें देने के तीन दिन बाद ही कोई कार्रवाई निगम द्वारा की जा सकेगी। अन्य निर्माणों को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
बुधवार को होटल प्रबंधन ने नोटिस को लेकर कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिस पर महज तीन घंटे में निगम ने जवाब पेश कर दिया। निगम ने इसके साथ मौके के फोटो भी पेश किए हैं, जिसमें यह बताया है कि एक बेसमेंट में पब, दूसरे में कैफेटेरिया सहित हर मंजिल पर बडे पैमाने पर अवैध निर्माण किया गया है।
गुरुवार को कार्रवाई के बीच कोर्ट में सुनवाई शुरू होने की जानकारी मिली तो निगम अधिकारियों ने तत्काल तोड़फोड की कार्रवाई को रोक दिया। इसके बाद कार्रवाई में जुटा अमला सडक किनारे एक लाइन से हथौडे सहित अन्य औजार लेकर बैठ गया।
इसके पहले बुधवार रात पुलिस जीतू के बेटे अमित सोनी और मुक्त कराई गई सभी 67 युवतियों को दो बसों में लेकर माय होम भी पहुंची। जहां पर युवतियों ने अपना सामान समेटा और फिर इसे देर रात खाली करा लिया गया। निगम ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए बुधवार रात से ही पोकलेन, जेसीबी, डंपर पहुंचाना शुरू कर दिए थे। कार्रवाई के लिए निगम ने 300 कर्मचारियों की टीम बनाई है, जिसे चार अपर आयुक्तों ने लीड किया।