भोपाल ! भोपाल के केन्द्रीय जेल मामले में मंगलवार को राज्य सरकार ने अंतत: डीआईजी जेल मंशाराम पटेल को भी निलंबित कर दिया। इस मामले में 5 अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। 30-31 नवंबर की दरमियानी रात भोपाल की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली इस जेल से सिमी के आठ आतंकी के भागे जाने के बाद सरकार इस घटना को लेकर जेल अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही कर रही है, इस घटना के बाद जेल की सुरक्षा को लेकर कई लापरवाहियां सामने आई थी। पटेल को बचाए रखने की काफी कोशिशें हुईं थीं, डीआईजी पटेल जोबट से भाजपा विधायक माधौसिंह डावर के दामाद हैं।
इससे पहले जेल के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। जांच में शक की सुई जेल के भीतर मौजूद अधिकारियों की ओर टिकी हुई है।
माना जा रहा है कि ताले टूथब्रश की चाबियों से नहीं बल्कि असली वाली चाबियों से ही खुले थे। आतंकवादी भागे नहीं थे, भगाए गए थे।घटना के बाद से ही जेल में आतंकियों पर नजर रखने को लेकर हुई कई लापरवाहियां सामने आई थी। आतंकियों के द्वारा मारे गए प्रहरी की बेटी ने आरोप लगाया था कि जेल के वरिष्ठ अधिकारी कभी आतंकवादियों के सामने नहीं जाते थे। सिमी कार्यकर्ताओं वाले सेल में हमेशा बुजुर्ग और बीमार गार्डों की ही ड्यूटी लगाई जाती थी। आतंकवादी जो भी मांगते थे, उन्हें जेल में उपलब्ध करा दिया जाता था।

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