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लोकायुक्त टीम से मिली जानकारी के अनुसार सिवनी मालवा के देवल मोहल्ला डागाजी मार्ग निवासी सटोरिए दीपक धन्यासे ने लोकायुक्त के भोपाल कार्यालय में शिकायत की थी कि वह तीन माह पहले सट्टा बंद कर चुका है, लेकिन एसडीओपी शंकरलाल सोनिया उसे सट्टाा जारी रखने और हर माह 10 हजार रुपए रिश्वत देने का दबाव बना रहे हैं। तीन माह से उसने कोई राशि नहीं दी तो पुलिस बार-बार घर आकर परेशान कर रही थी। 21 जनवरी को एसडीओपी ने 20 हजार रुपए की मांग की। जिस पर दीपक ने शिकायत कर दी।
जांच में रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर लोकायुक्त टीम ने कार्ययोजना बनाई। दीपक और एसडीओपी की चर्चा में तय हुआ कि गुरुवार सुबह एसडीओपी को घर जाकर रिश्वत दी जाएगी। कार्रवाई की जिम्मेदारी भोपाल की बजाय सागर टीम को दी गई। सागर से लोकायुक्त डीएसपी राजेश खेडे के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम सिवनी मालवा आई। सुबह दीपक एसडीओपी सोनिया के घर पहुंचा और 20 हजार रुपए रिश्वत देकर टीम को इशारा कर दिया। तभी टीम ने अंदर जाकर सोनिया को पकड लिया।