मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सोमवार को अनुच्छेद 370 को हटाने वाले विधेयक को राज्यसभा में पेश किया। जिसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े। विपक्षी पार्टियों ने इसपर काफी हंमागा किया और इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। वहीं सरकार को इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बहुजम समाज जैसी पार्टियों का साथ मिला। इस तरह 70 साल पुराने इस कानून को खत्म कर दिया गया है। विधेयक में कश्मीर को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में जम्मू-कश्मीर होगा जो विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा। वहीं दूसरा हिस्सा लद्दाख का होगा जिसे बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया है।
कश्मीर पहुंचे डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य के हालातों का जायजा लेने के लिए सोमवार रात को ही कश्मीर पहुंच चुके हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां किसी तरह का कोई प्रदर्शन न हो और दिक्कतें न आए इसके लिए सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। नए कानून के तहत अब दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर की पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करेगी। घाटी में काफी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं जिन्हें अगले आदेश तक वहीं रहने का आदेश दिया गया है।
राज्यसभा के बाद लोकसभा में होगा पेश

जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाला विधेयक राज्यसभा से पास हो चुका है लेकिन मंगलवार को इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत हो ऐसे में उसे यहां से विधेयक को पास कराने में कोई परेशानी नहीं होगी। राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल जैसी पार्टियों ने विधेयक का विरोध किया था।
कश्मीर के हालात

धारा 370 के हटने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कॉफ्रेंस विधेयक का विरोध कर रही है। यही वजह है कि उन्हें फिलहाल हिरासत में रखा गया है। उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को सोमवार देर रात को हिरासत में लेकर गेस्ट हाउस में रखा गया है। घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा चाक-चौबंद कर दी गई है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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