जबलपुर ! मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के एक गांव में श्मशानघाट तक जाने के लिए रास्ता न मिलने पर शवयात्रा तालाब से होकर ले जाए जाने के बाद प्रशासन ने एक खेत मालिक द्वारा दानपत्र पर दी गई जमीन पर सडक़ बनाने का फैसला लिया है। जबलपुर जिले की पनागर तहसील के बमनोद ग्राम पंचायत के बेहर गांव की 70 वर्षीय बंजुर्ग महिला कांतिबाई पटेल का देहांत हो गया था। जब उनकी अंतिम यात्रा श्मशानघाट की ओर बढ़ी तो पता चला कि श्मशानघाट तक जाने के रास्ते में पानी भरा है। गांव वालों का आरोप है कि जब शवयात्रा को एक दबंग के खेत से होकर ले जाने की कोशिश की गई, तो उन्हें रोक दिया गया। नतीजतन, लोगों को तालाब के गहरे पानी से होकर गुजरना पड़ा। शवयात्रा तालाब से गुजरने का मामला जब तूल पकडऩे लगा, तब प्रशासन हरकत में आया और जिम्मेदार अफसरों को बेहर भेजा गया।
जिलाधिकारी महेश चंद्र चौधरी ने बताया कि गांव से श्मशानघाट तक जाने वाले मार्ग में पानी भरा हुआ है, लिहाजा लोग खेत व मेड़ से होकर श्मशानघाट तक जाते हैं, मगर गांव की महिला सरपंच के पति ने शवयात्रा को तालाब के पानी से ले जाने की साजिश रची। उन्होंने बताया कि प्रशासन का अमला मौके पर पहुंचा और उसने पाया कि श्मशानघाट पर कोई अतिक्रमण नहीं है, वहीं सडक़ पर तीन से चार फुट पानी है। इस पर श्मशानघाट की ओर जाने वाली सडक़ के करीब के खेत के मालिक नलिन शर्मा ने नई सडक़ के लिए अपने खेत की जमीन का दानपत्र दे दिया है। इस स्थान पर मेड़ व खेत की जमीन को समतल कर सडक़ का बनाई जाएगी।
चौधरी के मुताबिक, सरपंच का पति मनोज बैरागी एक सोसायटी का पदाधिकारी है और उस पर धान घोटाले का आरोप है, इसी के चलते उसने साजिश रचकर शवयात्रा को तालाब के पानी से निकलवाया और मीडिया का दुरुपयोग किया, यह पूरी तरह क्रिएटेड सीन था। उसका मकसद प्रशासन पर दवाब बनाना था। इस तरह की साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गांव के लोगों का कहना है कि श्मशानघाट तक जाने वाली सडक़ के बंद होने को लेकर तहसीलदार से लेकर अन्य अधिकारियों तक को वे आवेदन दे चुके हैं, मगर उनकी बात कोई सुनने वाला नहीं है। कभी 15 फुट चौड़ा रास्ता था, मगर लगातार यह सिकुड़ता गया। अब स्थिति यह है कि ज्यादा बारिश के चलते तालाब का पानी सडक़ पर आ गया है।
पनागर क्षेत्र के भाजपा विधायक सुशील तिवारी ने भी तालाब के पानी से शवयात्रा निकालने की घटना को समाज के लिए शर्मसार करने वाला बताया है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही सडक़ बनाई जाएगी। पिछले दिनों मुरैना जिले में एक व्यक्ति को अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार घर के सामने सडक़ के साथ पड़े खाली स्थान पर करना पड़ा था, क्योंकि श्मशानघाट पर दबंगों ने कब्जा कर लिया था।

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