भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के महामंडलेश्वर श्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी से रिटायर कर दिए गए हैं। सोनिया गांधी ने ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी में स्थाई सदस्य बनाकर उन्हें उनकी वफादारी का इनाम देते हुए हिसाब-किताब चुकता कर दिया है। 

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हारने के बाद श्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में जुट गए थे। एक वक्त ऐसा भी आया जब श्री दिग्विजय सिंह को राहुल गांधी का पॉलीटिकल इंस्ट्रक्टर तक कहा गया परंतु राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए दिग्विजय सिंह के परिवार वाले राज्यों में कांग्रेस पार्टी लगातार सत्ता से दूर होती चली गई और गोवा में सबसे ज्यादा विधायक होने के बावजूद सरकार बनाने में नाकाम होने के बाद श्री दिग्विजय सिंह को दिल्ली के दरबार (ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी) से निकाल दिया गया। 2 साल तक दिग्विजय सिंह वर्किंग कमेटी से बाहर रहे। 

श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद हालात तेजी से बदल रहे हैं। पहले कांग्रेस पार्टी में तीन प्रमुख शक्ति केंद्र हुआ करते थे परंतु श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के चले जाने से शक्ति का संतुलन बिगड़ गया। प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने सत्ता परिवर्तन के बाद संगठन पर पकड़ बनाने के लिए तेजी से काम किया और अब श्री दिग्विजय सिंह को ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी में स्थाई सदस्य बना दिए जाने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी पर कमलनाथ का एकाधिकार स्थापित होता दिखाई दे रहा है।

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