दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है, जिससे दिल्ली वासियों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण, GRAP-1, को लागू कर दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

वायु गुणवत्ता और इसके प्रभाव

दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार पहुंच गया है, जो कि “खराब” श्रेणी में आता है। जब AQI इस स्तर तक बढ़ता है, तो इससे श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति को देखते हुए, CAQM ने GRAP-1 लागू करने का निर्णय लिया।

GRAP-1 के तहत कौन सी पाबंदियाँ लगी हैं?

GRAP-1 को लागू करते हुए वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके तहत ये पाबंदियाँ लागू की गई हैं…

1. लैंडफिल साइटों पर आगजनी पर रोक

लैंडफिल साइटों पर आगजनी की घटनाओं को सख्ती से रोका जाएगा, क्योंकि यह प्रदूषण को और बढ़ाता है। इसके अलावा, डंप साइटों से नियमित रूप से ठोस अपशिष्ट और निर्माण सामग्री को उठाना सुनिश्चित किया जाएगा।

2. निर्माण और मरम्मत कार्यों पर पाबंदी

निर्माण कार्यों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही, सड़क निर्माण, चौड़ीकरण, मरम्मत और रखरखाव कार्यों में भी पानी का छिड़काव किया जाएगा ताकि धूल और प्रदूषण को कम किया जा सके।

3. वेस्ट मैनजमेंट

किसी भी तरह के कचरे को खुले स्थानों पर न डाला जाए, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। कचरा उठाने के कार्य को नियमित और व्यवस्थित तरीके से किया जाएगा, ताकि कचरा प्रदूषण का कारण न बने।

4. ट्रैफिक नियंत्रण

दिल्ली में ट्रक ट्रैफिक के डायवर्जन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लागू किया जाएगा। इससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों की जांच की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

5. पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करें और वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

GRAP क्या है?

GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) एक प्रकार का कदम है, जो वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के विभिन्न स्तरों के आधार पर विभिन्न उपायों को लागू करता है। इसे वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। GRAP में कई चरण होते हैं, जो अलग-अलग AQI स्तरों पर लागू होते हैं:

GRAP-1: जब AQI “खराब” श्रेणी में होता है, तब इस चरण के तहत विशेष पाबंदियाँ लागू की जाती हैं। इसमें निर्माण कार्यों पर रोक, ट्रैफिक नियंत्रण, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर पाबंदी, और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना शामिल है।

GRAP-1 के मुख्य उद्देश्य… 

GRAP-1 का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को तत्काल और प्रभावी तरीके से नियंत्रित करना है। इस योजना के माध्यम से वायु गुणवत्ता में सुधार लाना और नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है।

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP-1 का कार्यान्वयन एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों जैसे निर्माण कार्य, सड़क मरम्मत, वेस्ट मैनजमेंट, ट्रैफिक नियंत्रण, और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। इसके प्रभावी लागू होने से वायु प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है और दिल्ली के नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा।