ग्वालियर। भिण्ड जिले के मालनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम नौनेरा में एक 16 वर्षीय नाबालिंग युवती के साथ जबरन बलात्कार कर उसे गर्भवती करने के आरोपी को न्यायाधीश एमएस तोमर ने आजीवन कारावास व 55 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंण्डित किया है।
जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के गोहद विकास खण्ड के मालनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम नौनेरा निवासी 16 वर्षीय युवती के पिता मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करते है। उसकी मॉं मानसिक रुप से विक्षिप्त है। जब पिता घर से मजदूरी के लिए जाता तो गांव का ही मनमोहन सिंह चौहान (40 वर्ष) उसके घर आता और उसके साथ कुकर्म करता तथा युवती को धमकी दी अगर उसने किसी को बताया तो वह उसके पिता को मार डालेगा। मनमोहन सिंह की धमकी से घबराई युवती ने अपने साथ हुए हादसे की जानकारी किसी को नहीं दी। कुछ महीनों बाद जब युवती की तबियत खराब हुई तो उसकी चाची उसे डॉंक्टर के पास ले गई तो डॉंक्टर ने बताया कि युवती गर्भवती है तब यह मामला उजागर हुआ।
युवती के गर्भवती होने की जानकारी जब परिवारीजनों को लगी तो मामले को गम्भीर मानते हुए परिवार व समाज में सलाह मशविरा के बाद युवती को 8 अक्टूवर 2013 को उसके परिजन मालनपुर थाने ले गए जहां आरोपी मनमोहन सिंह के खिलाफ बलात्कार का अपराध दर्ज कराया गया। जब पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई तब युवती के पेट में आठ माह का गर्भ था।
पीडित युवती ने नौ माह पूरे होने के बाद 24 दिसंबर 2013 को गोहद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक बच्चे को जन्म दिया। 26 दिसंबर को जच्चा-बच्चा की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई उसी रात बच्चे की अचानक तबियत खराब होने पर बच्चे की मौत हो गई। सत्यता जानने के लिए पुलिस ने इस बच्चे का डीएनए टेस्ट भारत सरकार की मान्य संस्था सीडीएफडी हैदराबाद से कराया जिसमें आरोपी मनमोहन सिंह बच्चे का पिता निकला।
जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन ने इस प्रकरण को गंभीर अपराध मानते हुए सनसनीखेज मामला माना था। उन्होंने स्वयं इस प्रकरण की लिखित में बहस की। न्यायाधीश एमएस तोमर ने कल आरोपी मनमोहन सिंह चौहान को आजीवन कारावास की सजा व 55 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडिण्त किया है।
आरोपी मनमोहन सिंह चौहान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाने की जानकारी जब पीडित युवती को दी गई तो उसने बताया कि ऐसे दुष्कर्मी को तो फांसी की सजा दी जानी चाहिए थी। जिसने मेरा पूरा जीवन बर्वाद कर दिया। ऐसे दरिन्दों को समाज में जिन्दा रहने का कोई अधिकार नहीं है।