ग्वालियर। प्रतिबंधित दवा फैंसीड्रिल बेचने वाले गोपाल गुप्ता के पास फैंसीड्रिल और कीटमाइन मेडिसिन की एजेंसी नहीं थी लेकिन करोड़ों का कारोबार जारी था। यही नहीं गुप्ता ने घर मे ही वेयरहाउस बनाकर लाखों की दवाएं जमा कर रखी थीं। शुक्रवार को भी नारकोटिक्स ब्यूरो के अफसर गोपाल गुप्ता के घर पहुंचकर पूरे मामले की जांच करने में जुटे रहे। इसके साथ ही नारकोटिक्स की टीम का खौफ दवा बाजारों में भी देखने को मिला। जिसके चलते शुक्रवार को अधिकतर दवाओं की दुकानें बंद रहीं।
जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह नारकोटिक्स ब्यूरो के अफसरों ने दवा विक्रेता गोपाल गुप्ता के रवि नगर स्थित घर में रेड की थी। इसके अलावा मुरैना व ग्वालियर के फार्मा मार्केट में गुप्ता के ऑफिस को भी जांच के दायरे में लिया गया। गुप्ता ने अपने घर में ही बने बेसमेंट में लाखों रुपए की फैंसीड्रिल सीरप का स्टॉक जमा कर रखा था। नियमानुसार घर में वेयरहाउस नहीं बनाया जा सकता। गुप्ता के घर से 163 से ज्यादा बोरों में फैंसीड्रिल सीरप मिला है। इसकी कीमत करीब 90 लाख रुपए बताई गई है। नारकोटिक्स ब्यूरो के अफसर शुक्रवार को भी सुबह से गोपाल गुप्ता से उसी के घर में पूछताछ की तो नारकोटिक्स अफसरों को अन्य जानकारी मिली। दवा डीलर गोपाल गुप्ता के घर में नारकोटिक्स की टीम ने चप्पा-चप्पा खंगाला। इसके बाद ही खुलासा हुआ कि घर में ही वेयरहाउस बनाकर दवाएं स्टॉक की जा रही थीं। नारकोटिक्स विभाग ने डीलर गोपाल गुप्ता को पूर्व में कारोबार की जानकारी के देने के लिए लगभग 6 माह पूर्व नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के बाद डीलर की ओर से भी विधिक नोटिस दिया गया और अब विभाग व डीलर के बीच नोटिस से शुरू हुई लड़ाई कोर्ट में भी पहुंचने की खबर है। बताया गया है कि पिछले साल अगस्त में कोलकाता में दर्द निवारक दवा इंजेक्शन कीटामाइन के बडे पैमाने पर पकड़ा जाना भी बताया जा रहा था। जिसमें जिले की कई फर्मों का माल होने के कारण इसकी जांच होना था। इसके साथ ही ग्वालियर से फेंसिड्रिल एवं कीटामाइन इंजेक्शन का यह कारोबार लगभग 40 करोड़ का बताया जा रहा है। ग्वालियर के माध्यम से पूरे देश में अवैध रूप से सप्लाई की जाती है।