भोपाल। प्रदेश में शालेय शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिये जिलेवार गुणवत्ता सुधार कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। इसे अगले सत्र से लागू किया जायेगा। निजी स्कूलों में शुल्क नियंत्रण और निर्धारण के लिये भी कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। विद्यालय प्रबंधन समितियों और पालक शिक्षक संघ मिलकर शिक्षण शुल्क निर्धारित करेंगे। यह जानकारी आज यहाँ मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की त्रैमासिक समीक्षा बैठक में दी गयी।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों और त्रैमासिक बजट एवं लक्ष्यों की समीक्षा करते हुये की। उन्होंने अप्रैल माह के अंत तक सभी शालाओं में पाठ्य पुस्तकें पहुँचाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के अन्तर्गत राज्य में शैक्षणिक अधोसंरचनाएँ स्थापित करने के लिये 6 हजार करोड़ रूपये की आवश्यकता है। केन्द्र सरकार से इस धनराशि को तत्काल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन देने की योजना तैयार करने को कहा। समीक्षा के दौरान बतलाया गया कि राज्य शिक्षा सेवा के गठन से निचले स्तर पर स्कूलों में पढ़ाई पर प्रभावी नियंत्रण और निगरानी संभव हो सकेगी। यह भी जानकारी दी गयी कि सार्वजनिक पुस्तकालय प्रबंधन के लिये भी कानून तैयार कर लिया गया है। भारत सरकार द्वारा शिक्षक प्रशिक्षण की रणनीति को कारगर मानते हुए आठ नये जिला शिक्षा प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना के लिये स्वीकृति दे दी गयी है।

बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री नानाभाऊ मोहोड़, मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम, प्रमुख सचिव श्री स्कूल शिक्षा श्री संजय सिंह, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्रीमती रश्मि अरूण शमी एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *