दिल्ली: जैसी की उम्मीद थी नोटबंदी के कारण कठिनाई से गुजर रही मोदी सरकार को राहत देने वाला बजट पेश करना पड़ा।तीन लाख रूपए तक की आय टैक्स फ्री और उसके बाद की आय पर लगने वाले टैक्स को आधा करने जैसी घोषणाए कर सरकार ने लोगो को संतुष्ट करने का प्रयास किया है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज बजट पेशकरते हुए कहां कि हमारी सरकार को जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ चुना था। इन उम्मीदों में महंगाई रोकने और भ्रष्टाचार खत्म करने जैसी उम्मीदें शामिल थीं। पिछले ढाई साल में हमारा मिशन अच्छी तरह से गवर्नेंस देने का ही रहा है। हमने इनफॉर्मल से फॉर्मल इकोनॉमी की तरफ जाने की कोशिश की है। ब्लैकमनी के खिलाफ हमने लंबी लड़ाई लड़ी है। हमें जनता से काफी सपोर्ट मिला है। यह सरकार जनता के पैसे की सबसे भरोसेमंद कस्टोडियन मानी जाती है।
मैं यह बजट तब पेश कर रहा हूं जब दुनिया इकोनॉमिक और पॉलिटिकल डेवलपमेंट के बाद का सामना कर रही है। एडवांस्ड इकोनॉमी की ग्रोथ 1.6 से 1.9 पर्सेंट और इमर्जिंग इकोनॉमी 4.5 से 4.6 पर्सेंट की रफ्तार से बढ़ रही हैं। ग्रोथ की रिकवरी 2017 में होने की उम्मीद है। इस बात के पॉजिटिव संकेत हैं कि अगले एक साल में अच्छी ग्रोथ होगी।
-तीन चुनौतियां इमर्जिंग इकोनॉमी के सामने हैं। अमेरिका के फेडरल रिजर्व की नीतियों के चलते कैपिटल इनफ्लो पर असर पड़ सकता है। क्रूड के चलते कीमतों पर असर पड़ सकता है। और दुनिया के कई देशों में ग्लोबलाइजेशन के सामने चुनौतियां हैं। इससे एक्सपोर्ट्स पर असर पड़ रहा है। इन सभी घटनाक्रमों के बावजूद भारत दुनिया की इकोनॉमी के लैंडस्कैप पर चमक रहा है। सीपीआई इन्फ्लेशन 6 फीसदी से कम होकर 3 फीसदी के आसपास आया है।
पिछले साल दो बड़े फैसले हुए
जेटली ने कहा, आईएमएफ के मुताबिक, भारत 2017 में सबसे तेजी से बढऩे वाली इकोनॉमी में शामिल रहेगा। देश में स्नष्ठढ्ढ भी बढ़ा है। भारत दुनिया की छठीं सबसे बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग इकोनॉमी है। पिछले एक साल में देश ने बड़े इकोनॉमिक रिफॉर्म्स देखे हैं। दो बड़े नीतिगत फैसले हुए। पहला- त्रस्ञ्ज बिल पास हुआ और दूसरा नोटबंदी हुई। का फायदा इकोनॉमी में देखने को मिलेगा। इससे ट्रांसपरेंसी बढ़ेगी। मैं इस बिल के लिए सभी सांसदों और राज्यों का शुक्रिया अदा करता हूं।नोटबंदी की बात करें तो यह बेबाक फैसला था। देश में पैरेलल इकोनॉमी खड़ी हो गई थी, जिसे खत्म करना जरूरी था। नोटबंदी की कवायद करप्शन, ब्लैकमनी और टेरर फंडिंग खत्म करने के लिए थी। अगर इस दौरान इकोनॉमी में गिरावट आई तो उसकी थोड़ी उम्मीद भी थी। लेकिन जैसा महात्मा गांधी कहते थे- मकसद अच्छा हो तो कोशिश कभी नाकाम नहीं होती।
जेटली ने शेर भी पढ़ा- घबराकर न थम जाइए आप, जो बात नहीं है, उसे अपनाइए आप जेटली ने नोटबंदी और त्रस्ञ्ज जैसे दो बड़े फैसलों के बाद इकोनॉमी को आगे बढ़ाने का जिक्र करते हुए कहा, घबराकर न थम जाइए आप, जो बात नहीं है, उसे अपनाइए आप; डरते हैं नई राहों पर क्यों चलने से? हम आगे-आगे चलते हैं, आइए आप।
जेटली ने कहा कि गरीबों के लिए मकान, एमएसएमई के लिए राहतें, प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए स्कीम्स जैसी कई राहतों का प्रधानमंत्री ने 31 दिसंबर की अपनी स्पीच में जिक्र किया था। इससे देश के लोगों को राहत मिलेगी।
बजट में तीन मेजर रिफॉर्म्स
1. जेटली ने कहा, हम 1 फरवरी को बजट पेश कर रहे हैं ताकि नया फाइनेंशियल ईयर लागू होने से पहले नए फैसले मंजूर हो जाएं। इससे मंत्रालयों और विभागों को मदद मिलेगी। मानसून से पहले प्लानिंग में फायदा मिलेगा।
2. हमने 1924 से चली आ रही व्यवस्था को खत्म करते हुए रेल बजट को आम बजट में मर्ज कर दिया है।
3. हमने प्लान और नॉन-प्लान एक्सपेंडिचर के अलग-अलग अलॉकेशन को खत्म कर दिया है।
– जेटली ने कहा कि बजट की थीम ट्रांसफॉर्म, एनर्जाइज, इनेबल और क्लीन इंडिया पर रखी गई है।
बजट 10 हिस्सों में
1. किसानों की इनकम पांच साल में दोगुना करना चाहते हैं।
2. रूरल डेवलपमेंट में इन्फ्रास्ट्रक्चर।
3. यूथ्स को जॉब्स।
4. गरीबों के लिए मकान।
5. सोशल सिक्युरिटी बढ़ाना।
6. क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर।
7. डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देना।
8. पब्लिक सर्विस में लोगों की भागीदारी बढ़ाना।
9. ऐसा मैनेजमेंट जिससे रिसोर्सेस मोबाइल हो।
10. ईमानदार का सम्मान हो।
किसानों को क्या मिला?
– जेटली ने कहा कि किसानों को 10 लाख करोड़ के क्रेडिट का प्रावधान किया गया है। किसानों का 60 दिन का ब्याज माफ होगा। 40 फीसदी किसानों को कोऑपरेटिव सोसायटीज से क्रेडिट मिलेगा।
– फसल बीमा योजना में कवरेज को 40त्न बढ़ाया गया है। सॉयल हेल्थ कार्ड के लिए हमने कृषि विज्ञान केंद्रों में मिनी लैब्स बनाने का प्रावधान किया है ताकि किसान वहां जाकर अपनी खेती की जमीन की मिट्टी का टेस्ट कर सकें।
पर ड्रॉप-मोर क्रॉप को भी बढ़ावा दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि अच्छे मानसून के चलते एग्रीकल्चर सेक्टर इस साल 4.1 की दर से बढ़ेगा।
– नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनेगी जो हायर एजुकेशन के लिए सभी बड़ी एंट्रेंस एग्जाम्स कराएगी। इससे सीबीएसई जैसी संस्थाएं एकेडमिक्स पर फोकस कर पाएंगी।
– 3.5 करोड़ यूथ्स को मार्केट बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी।
रूरल सेक्टर को क्या मिला?
– जेटली ने कहा कि मनरेगा के तहत 2017-18 पांच लाख तालाब और बनाए जाएंगे। महिलाओं की मनरेगा में 55त्न भागीदारी है। 38500 करोड़ दिए गए थे। 2017-18 में हमने मनरेगा के लिए 48 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है। मनरेगा के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा बजट अलॉकेशन है।
– बता दें कि मनरेगा यूपीए सरकार की योजना है। मोदी ने एक बार अपनी स्पीच में कहा था कि एनडीए सरकार मनरेगा को कांग्रेस की नाकामी के प्रतीक के तौर पर जारी रखेगी।
– जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत 2016-17 में हर दिन 133 किलोमीटर सडक़ें बनाई गई हैं। इसे बढ़ाया जाएगा। 2019 तक 1 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
यूथ को क्या मिलेगा?
– जेटली ने कहा, अच्छी क्वालिटी के इंस्टीट्यूट्स बनाए जाएंगे। स्वयं प्लेटफॉर्म बनाएंगे। इसमें 350 ऑनलाइन फैसिलिटीज होंगी। इससे वे कोर्स कर सकेंगे। डिस्कशन में हिस्सा ले सकेंगे और पढ़ाई कर सकेंगे।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनेगी जो हायर एजुकेशन के लिए सभी बड़ी एंट्रेंस एग्जाम्स कराएगी। इससे सीबीएसई जैसी संस्थाएं एकेडमिक्स पर फोकस कर पाएंगी।
2017-18 स्किल अवेयरनेस प्रोग्राम पर 4000 करोड़ खर्च होंगे। 3.5 करोड़ यूथ्स को मार्केट बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी।
लेदर और फुटवेयर सेक्टर के लिए इम्प्लॉयमेंट स्कीम लॉन्च होंगी। 5 स्पेशल टूरिज्म सेक्टर बनाए जाएंगे। इन्क्रेडिबल इंडिया का सेकंड कैम्पेन लॉन्च होगा।
गरीबों, बुजुर्गों को क्या मिला?
– जेटली ने कहा कि गर्ल चाइल्ड के साथ ही सबका साथ, सबका विकास मिशन की शुरुआत होती है। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए बड़ा फंड होगा।
गरीबी को खराब हेल्थ से जोडक़र देखा जाता है। सरकार ने एक्शन प्लान बनाया है। कई बड़ी बीमारियों को हटाने का प्लान बनाया गया है। सीनियर सिटीजन के लिए आधार बेस्ड स्मार्ट कार्ड बनेंगे जो उनकी सेहत का रिकॉर्ड रखेंगे।
बड़ा एलान सीनियर सिटीजन के लिए आधार बेस्ड स्मार्ट कार्ड बनेंगे जो उनकी सेहत का रिकॉर्ड रखेंगे।
महिला और बच्चों के लिए वुमन और चाइल्ड वेलफेयर के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपए का प्रोविजन।
टेलिकॉम सेक्टर में1 लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों को हाईस्पीड ब्रॉड बैंड सर्विस प्रोवाइड की जाएगी। भारत नेट प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए अलॉट किए गए।
नेशनल हाई-वे
64900 करोड़ रुपए हाई-वे के लिए।
1,40,000 किलोमीटर सडक़ बनी 2014 से 2016-17 तक। ट्रांसपोर्ट के लिए 2,41,387 करोड़ रु. का बजट।
3,96,135 करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे।
राज्यों को क्या मिला?
– झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स बनाए जाएंगे।
रेलवे को क्या मिला?
जेटली ने कहा कि रेल सेफ्टी फंड के तहत पांच साल के लिए 1 लाख करोड़ मिलेंगे।
सरकार गाइडलाइन बनाएगी ताकि इस फंड का इस्तेमाल हो सके। 2020 तक ब्रॉडगेज लाइन पर मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग खत्म कर दी जाएगी।
2प्त मेरी सुविधा
25 स्टेशनों का रीडेवलपमेंट होगा। 500 स्टेशन डिफरेंटी एबल्ड फ्रेंडली बनाए जाएंगे।
7000 स्टेशंस को सोलर पावर से चलाया जाएगा।
नई मेट्रो रेल पॉलिसी का एलान होगा। नया एक्ट बनेगा। इससे प्राइवेट पार्टिसिपेशन में मदद मिलेगी।
ई टिकट बुक कराने पर सर्विस चार्ज नहीं लगेगा।