नई दिल्ली। महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक लगातार बढ़ती जा रही है। एक तरफ राजनीतिक दलों द्वारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए अपने आरोपों पर अड़े हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। परमबीर सिंह ने होमगार्ड डिपार्टमेंट में हुए ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने अब माम ले की सीबीआई जांच की मांग कर डाली है। परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इससे पहले की सबूत मिटा दिए जाएं, देशमुख पर उगाही एवं भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच तुरंत शुरू करवाई जाए। सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी परमबीर सिंह का पक्ष रखेंगे।
याचिका में कहा गया है कि अनिल देशमुख ने फरवरी महीने में अपने आवास पर कई मीटिंग की। मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के इंस्पेक्टर सचिन वाझे और मुंबई सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल ने अपने सीनियरों को बायपास करके उन बैठकों में शामिल हुए थे। उस दौरान गृह मंत्री अनिल देशमुख ने वाझे और पाटिल को विभिन्न संस्थानों एवं अन्य संसाधनों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का लक्ष्य दिया। परमबीर सिंह ने देशमुख पर ट्रांसफर/पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने याचिका में कहा, “यह भी विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि 24-25 अगस्त, 2020 को राज्य खुफिया विभाग के इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक को और फिर डीजीपी ने गृह मंत्रालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव को अनिल देशमुख की तरफ से ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार किए जाने की जानकारी दी थी। ये जानकारियां टेलिफोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड करके जुटाई गई थीं। इस पर अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टे रश्मि शुक्ला को ही ठिकाने लगा दिया गया।”