गुना ! कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अलगाववाद और आतंकवाद के बड़े समर्थक हैं। देश की संसद में वह कश्मीर को लेकर रायशुमारी का बयान देते हैं। यह अलगाववाद और आतंकवाद का समर्थन नहीं है, तो क्या है? ऐसे में अगर वह प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को लेकर कुछ बयानबाजी कर रहे हैं, तो मैं उस पर क्या वक्तव्य दूं? उनके बारे में बात ही क्या करना? यह बात उच्च शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कही। श्री पवैया आज अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सांसद पर ही बड़ा हमला बोलते हुए कहाकि कश्मीर में रायशुमारी के साथ ही श्री सिंधिया ने जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने वालों का भी समर्थन यह कहकर किया था कि नारे लगाना देशद्रोह नहीं है। पत्रकार वार्ता में प्रभारी मंत्री ने कहाकि वह अपनी जिम्मेदारी को समझ रहे हैं और राजनीतिक दृष्टिकोण लेकर गुना आए हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वह कार्य करेंगे। कांग्रेस सांसद को लेकर पहले तो उन्होंने कुछ बोलने से परहेज रखा। लेकिन जब पत्रकारों ने उन्हें ज्यादा कुरेदा तो वह उनपर बयानी हमला करने से भी नहीं चूंके। जिले की समस्याओं को लेकर उन्होंने कहाकि वह उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गौ रक्षक संबंधी बयान पर श्री पवैया का कहना रहा कि प्रधानमंत्री उनसे भी बड़े गौ भक्त हैं। अपने गुना आगमन से पहले ही पुतला जलाए जाने को कहा कि इससे उनकी उम्र बढ़ गई है।
…तो टाटा-बिरला होते देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति: शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्रों को स्मार्टफोन वितरित करते हुए प्रभारी मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहाकि अभाव और गरीबी का प्रतिभा और सफलता से कोई नाता नहीं है। गुदड़ी के लाल कहावत बहुत पुरानी है। अगर ऐसा नहीं होता और अमीरों को ही सबकुछ मिलता तो आज टाटा और बिरला देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति होते। गरीब किसान का बेटा अब्दुल कलाम मिसाइमेन नहीं कहलाते और एक चाय बेचने वाला आज दुनिया का सबसे ताकतवर और लोकप्रिय नेता नहीं होता। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहाकि प्राध्यापकों और महाविद्यालयों के साथ पालकों को भी यह चिंता करनी होगी कि कॉलेज से कन्हैया कुमार जैसे लोग नहीं निकलें। उन्होंने कहाकि सरकार की यह कोशिश है कि युवाओं को सिर्फ पैसे कमाने की मशीन नहीं बनने दिया जाए। बल्कि उनमें संस्कारित शिक्षा प्रदानकी जाए, जिससे नमें देश के प्रति भी प्रतिबद्धता हो।
अपने उद्बोधन में उन्होंने ऐसे कई उदाहरण भी छात्र-छात्राओं के सामने रखे। उन्होंने कहाकि आज की शिक्षा भटकी हुई है। इसलिए उन्हें उसे दिशा पर लाने की कोशिश की जा रही है।
तय किया गया है कि हर कॉलेज के ऊपर राष्ट्रध्वज लहराएगा। अम्बेडकर, महात्मा गांधी और विवेकानंद जी के चित्र लगाए जाएंगे। यह बहुत जरूरी है कि छात्र-छात्राएं शिक्षित हों और इसके साथ यह भी आवश्यक है कि उनमें राष्ट्र के प्रति प्रेम और समर्पण भी हो। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला करने से प्रभारी मंत्री इस कार्यक्रम में भी नहीं चूंके। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि आपका एक सांसद जेएनयू में नारे लगाने वालों का समर्थन करता है। देश के लिए ऐसे सांसद दुर्भाग्य हैं। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अर्चना चौहान, गुना विधायक पन्नालाल शाक्य, चांचौड़ा विधायक श्रीमती ममता मीना, नपा अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सलूजा, कलेक्टर राजेश जैन आदि मौजूद रहे। इससे पहले प्रभारी मंत्री ने जिला योजना समिति की बैठक में अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई।