भोपाल। गृह मंत्री के पुलिस पदकों के लिए पुलिस अधीक्षकों की मनमानी पर पुलिस मुख्यालय सख्त हो गया है। अधिकांश पुलिस अधीक्षक और पुलिस की विभिन्न शाखाओं के प्रमुख उन कर्मचारियों की अनुशंसा पुलिस के उत्कृष्ट और अतिउत्कृष्ट पदकों के लिए भेज देते हैं, जो फील्ड में पदस्थ ही नहीं होते। ऐसे में अब पुलिस मुख्यालय ने साफ कर दिया है कि जिले के थानों से यदि अनुशंसा नहीं आई तो पुलिस अधीक्षक को इसके लिए प्रमाणपत्र देना होगा। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से पुलिस अफसरों से लेकर जवानों तक को दिए जाने वाले उत्कृष्ट और अतिउत्कृष्ट सेवा के लिए दिए जाने वाले पदक की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय ने 15 अक्टूबर तक जिलों के साथ ही सभी इकाइयों से प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
जोन व रेंज स्तर पर मेडल के लिए भेजे जाने वाले नामों का चयन करने के लिए समिति बनाई जाएगी। इसमें डीआईजी एवं एसपी स्तर के अधिकारी रहेंगे यह कमेटी निरीक्षक स्तर तक के कर्मचारी-अफसरों के सेवा विवरण का परीक्षक करेंगे। इसके बाद अपनी अनुशंसा पुलिस मुख्यालय को भेजेंगे।
जारी आदेश में कहा गया है कि ‘अधिकतर अनुशंसाएं उनकी आती हैं, जो फील्ड में कार्य नहीं करते हैं, बल्कि लाइन के कार्यालयों में काम करते हैं।’ इससे साफ है कि पिछले साल इन पदकों के लिए पुलिस अधीक्षकों ने फील्ड में तैनात उप निरीक्षक से लेकर आरक्षक के काम को नजरअंदाज कर ऐसे उपनिरीक्षकों, सहायक उपनिरीक्षक, प्रधान आरक्षक और आरक्षकों की अनुशंसा कर दी जो लाइन या कार्यालयों में काम कर रहे हैं। इसी आदेश में यह भी कहा गया है कि ‘जिन जिलों से थानों में कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की श्रेणीवार कम से कम एक अनुशंसा प्राप्त नहीं होगी, तो उन्हें यह प्रमाण पत्र देना होगा कि कोई उत्कृष्ट कर्मचारी उनके यहां नहीं है।’ हर जिले से तीन अनुशंसाएं पुलिस मुख्यालय ने इन पदकों के लिए मांगी है। जिसमें से एक अनुशंसा फील्ड में पदस्थ अफसर-कर्मचारी की देना जरूरी होगा। नहीं तो यह प्रमाण पत्र देना होगा।
उत्कृष्ट सेवा के लिए 5 साल की गोपनीय चरित्रावली देखी जाएगी, जिसमें श्रेणी अच्छी होना जरूरी है। पुलिसकर्मी और अफसर की सेवा कम से कम 15 साल ही होना इसमें जरूरी है। वहीं अति उत्कृष्ट सेवा के लिए अफसर या कर्मचारी की सेवा कम से कम 25 साल की होना जरूरी है। इसमें अन्य योग्यताएं समान होने की स्थिति में अधिक आयु वाले अफसर-कर्मचारी को प्राथमिकता दी जाएगी।