भोपाल ! मध्यप्रदेश के विंध्य और बुंदेलखंड में बाढ़ द्वारा मचाई गई तबाही की हकीकत जानने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद बाढ़ प्रभावित शहरी बस्तियों से लेकर गांव तक पहुंचे। उन्होंने रविवार को रीवा और पन्ना के कई गांव जाकर तबाही का मंजर देखा और प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है और हरसंभव मदद करेगी। रीवा, सतना और पन्ना में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। इन जिलों के लगभग डेढ़ सौ गांव बाढ़ की जद में हैं। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। चौहान ने प्रभावित बस्तियों, गांव व राहत शिविरों तक पहुंचकर कहा कि बाढ़ से प्रभावित हर व्यक्ति को सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक-एक घर का सर्वे कर क्षति का आकलन कर सहायता राशि के साथ ही पुनर्वास सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाढ़ के दौरान किसी की मृत्यु होने पर
मध्य प्रदेश में बारिश का कहर जारी है, बीते 80 दिनों में 102 लोगों की मौत का कारण बारिश बनी है और सात लोग अब भी लापता हैं। आधिकारिक तौर पर रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में एक जून से 21 अगस्त की अवधि में 51 में से 31 जिलों में सामान्य से अधिक, 18 में सामान्य और दो में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। इसी अवधि में बाढ़ और अति वर्षा से तीन लाख 79 हजार 542 आबादी प्रभावित हुई। वहीं 102 लोगों की जानें गई हैं। जबलपुर जिले में सर्पदंश से हुई 14 लोगों की मौत इसमें शामिल है। पंद्रह लोग घायल हुए हैं और सात लोग लापता हैं। इसके अलावा वर्षा से 2638 मकान पूरी तरह और 38 हजार 641 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। बाढ़ के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर संचालित राहत शिविरों की संख्या 135 रही है। इन शिविरों का उपयोग 19 हजार छह लोगों ने किया। मानसून मौसम में सबसे ज्यादा सतना में 30 और रीवा में 27 शिविर वर्तमान में संचालित किए जा रहे हैं। मानसून के तल्ख मिजाज ने प्रदेश के 26 जिलों में 281 पशुहानि हुई। पन्ना जिले में दो बांध फूटे और छतरपुर जिले में दो पुलिया क्षतिग्रस्त हुई। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ से उत्पन्न स्थिति में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 117, एसडीआरएफ की 5000 और पुलिस की 800 टीम कार्यरत है।