नई दिल्ली। भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (67वर्ष) का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पर पहुंचे। इस दौरान दोनों नेता परिवार से मिलकर भावुक हो गए। सुषमा की पार्थिव देह भाजपा मुख्यालय में भी अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी। यहां से सुषमा स्वराज का आखिरी सफर शुरू होगा और दोपहर बाद लोधी रोड स्थित विश्राम घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दिल्ली और हरियाणा सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और गृह मंत्री अमित शाह ने सुषमा को उनके जंतर-मंतर स्थित आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। इनके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, बाबा रामदेव, भाजपा सांसद हेमा मालिनी, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी, दिल्ली के ले.गवर्नर अनिल बैजल, बसपा प्रमुख मायावती, कैलाश सत्यार्थी समेत कई हस्तियां उनके आवास पर पहुंचीं।

अमित शाह ने कहा, ‘‘आज उनके जाने से बड़ी विपदा भारत के राजनीतिक क्षेत्र में आ खड़ी हुई है, जो लंबे समय तक भर नहीं पाएगी। हम सभी अत्यंत दुख के साथ सुषमा जी को विदाई देने के लिए अपना मन तैयार कर रहे हैं। भगवान उनके परिवार को इस अघात को सहने की शक्ति दे। सुषमा जी की आत्मा को भगवान चिर शांति दें। देश उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखेगा।’’

मोदी ने सुषमा के निधन पर कहा- भारतीय राजनीति के एक गौरवपूर्ण अध्याय का अंत हो गया। गरीबों और समाज के लिए जीवन देने वाली अद्वितीय नेता के निधन पर पूरा भारत दुखी है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की अकेली इंसान थीं। वे करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत थीं।

बीते एक साल में दिल्ली ने तीन मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और मदन लाल खुराना को खोया है। सुषमा अक्टूबर-दिसंबर 1998 के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। पिछले ही महीने जुलाई में तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित (81वर्ष) का भी निधन हुआ। शीला 1998 से 2003 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। वहीं, पिछले साल अक्टूबर में मदन लाल खुराना का भी निधन हो गया। वे 1993 से 1996 तक मुख्यमंत्री रहे।

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