भोपाल। मध्य प्रदेश में पीईटी की परीक्षाएं बंद कर देना चाहिए। क्योंकि पिछले तीन साल में परीक्षार्थियों की संख्या में कोई इजाफ ा नहीं हुआ है। वर्तमान में प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में 16 हजार से ज्यादा सीटें इस साल खाली हैं। यह कहना रतलाम से निर्दलीय विधायक पारस सकलेचा का है।

सकलेचा ने इस संबंध में विधानसभा में एक प्रश्न किए थे। इसके लिखित जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि पिछले तीन सालों में इंजीनयिरिंग कॉलेजों में प्रवेश हेतु प्रतिवर्ष चार चरणों में काउंसलिंग का आयोजन किया गया। पीईटी के लिए न्यूनतम अंक निर्धारित नहीं किए गए हैं। इस पर सकलेचा ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करने हुए कहा कि इंजीनयिरिंग कॉलेजों की पीईटी के माध्यम से सीटें नहीं भर पा रही हैं तो सरकार को नई व्यवस्था लागू करना चाहिए।

पीईटी परीक्षा बंद करने को लेकर रतलाम के निर्दलीय विधायक सकलेचा इस मुद्दों के कई बार विधानसभा में उठा सके है। इससे पूर्व वर्ष 2011 में उन्होंने इस मुददे को विधानसभा में उठाया था। उस समय भी सत्तापक्ष के सामने सकलेचा ने यही तर्क रखा था। प्रदेश में बढते कॉलेजों की संख्या और रिक्त सीटों को लेकर सकलेचा ने सरकार से प्रवेश परीक्षा बंद करने का प्रस्ताव कई बार रखा है। हालांकि इस बार भी सरकार की तरफ से सकलेचा को संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

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