मुलताई ! मैडम मुझे माफ कर दो मैंने गलती से पी ली है, आइंदा कभी शराब पीकर स्कूल नहीं आऊंगा। मुझसे बड़ी भूल हो गई है। मुझ अहसास मत कराइए आगे से शिकायत का मौका नहीं दूंगा। नायब तहसीलदार सविता यादव से यह निवेदन था शासकीय कन्या शाला के प्राचार्य बीआर कोचेकर का जो नशे में धुत होकर शनिवार स्कूल पहुंचे थे और पकड़े जाने पर हाथ जोड़कर एवं पैर पकड़कर माफी मांग रहे थे। यह पहला मौका नही था जब प्राचार्य शराब पीकर स्कूल आए हो।
इसके पहले भी प्राचार्य कई बार नशे में धुत होकर स्कूल आए थे, लेकिन स्कूल की बदनामी के डर से स्टॉफ ने इसकी शिकायत नहीं की। शनिवार जब बीआर कोचेकर नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचे एवं अजीबो-गरीब हरकत कर स्टॉफ को परेशान करने लगे तो मजबूरन स्टॉफ ने मौखिक तौर पर जनप्रतिनिधियों तथा पत्रकारों से प्राचार्य की शिकायत कर दी। सूचना मिलते ही मौके पर तत्काल नायब तहसीलदार सविता यादव एवं एसआई टांडेकर पहुंचे जहां प्राचार्य के नशे में धुत होने का पहले पंचनामा बनाया गया।
बात यहीं खत्म करो, एडजेस्ट कर दूंगा : नशे में धुत होने के बावजूद प्राचार्य बीआर कोचेकर नायब तहसीलदार सविता यादव, एसआई टांडेकर तथा पत्रकारों से यह कहने से नहीं चूके कि एक बार माफ कर दो तथा बात यहीं खत्म कर दो मैं सब एडजेस्ट कर दूंगा। इस दौरान कभी वो पत्रकारों को पकड़कर निवेदन करते तो कभी नायब तहसीलदार के पैर छूने झुक जाते तो कभी हाथ जोड़कर सभी से निवेदन करने लगते। उनकी हरकतें देखकर नायब तहसीलदार ने उन्हें फटकार भी लगाई। यहां से जब उन्हें अधिकारी ले जा रहे थे तब जाते-जाते भी प्राचार्य ने आखरी दांव यह कहते हुए लगाया कि भले ही कार्रवाई हो रही हो, लेकिन खबर नही छपना चाहिए मैं एडजेस्ट कर दूंगा।
कन्या शाला का इतिहास शर्मसार
एक समय था जब कन्या शाला मुलताई अनुशासन के लिए जाना जाता था। पूर्व प्राचार्य एसके परसाई के कार्यकाल में कन्या शाला ने जो उपलब्धियां हासिल की थी इसका इतिहास गवाह है। चाहे खेलकूद हो या साहित्यिक अथवा सांस्कृतिक गतिविधियां हर क्षेत्र में कन्या शाला का नाम अव्वल रहता था, लेकिन एसके परसाई के स्थानांतरण के बाद ही स्कूल का स्तर गिरने लगा और आज यह स्थिति आ गई कि प्राचार्य नशे में धुत होकर स्कूल में आ रहे हैं, जिससे स्कूल की गरिमा तार-तार हुई है।

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