अशोकनगर ! जिले के शाढ़ौरा में स्वास्थ्य अधिकारी बनकर प्राइवेट डॉक्टरों को झांसा देने वाले एक फर्जी व्यक्ति को पुलिस ने जनसहयोग से पकड़ लिया। मिली जानकारी के मुताबिक अपने आप को स्वास्थ्य अधिकारी बताकर कस्बे में प्राइवेट डॉक्टरों के अस्पतालों एवं पैथोलॉजी सेंटरों की जांच कर रहे एक जालसाज को शुक्रवार की सुबह स्थानीय लोगों की सजगता से पकड़ लिया गया है। जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया। अशोकनगर जिले का निवासी उक्त जालसाज ने सुबह करीब 10 बजे शाढ़ौरा के कटरा मोहल्ला स्थित बंगाली डॉक्टरों की क्लीनिकों एवं पैथोलॉजी सेंटर पर विशाल धाकड़ नाम का व्यक्ति स्वास्थ्य जांच अधिकारी बनकर पहुंचा। जिसने अपने आप को भोपाल से आना बताया और प्राइवेट डॉक्टरों के शैक्षणिक दस्तावेज व क्लीनिक संचालन करने के दस्तावेज मांगे।
जिन्हें उक्त प्राइवेट डॉक्टरों ने दिखाया। इसके बाद विशाल धाकड़ ने कहा कि सोमवार 2 नवंबर को भोपाल से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की टीम शाढ़ौरा आएगी जो यहां चल रही निजी दवाखानों व पैथोलॉजी सेंटरों की जांच करेगी। इस जांच में आप लोगों को किसी तरह की तकलीफ न हो और आप सरकारी मापदंडों के दायरे में न फंसे, इसलिए वह आपको सचेत करने आया है। आप लोग सोमवार को अपनी दुकानें बंद रखें। इसके बदले प्रत्येक प्राइवेट डॉक्टर व पैथोलॉजी संचालक उसे 200-200 रुपये दे दें। इस दौरान विशाल धाकड़ ने एक प्राइवेट डॉक्टर से रुपये लेकर एक सादा कागज पर उसे रसीद दे दी। आरोपी द्वारा अपने आपको जांच अधिकारी बताने के साथ सिर्फ दो सौ रुपये देकर अपने विभाग से धोखेबाजी करने की कहानी सुनकर अन्य प्राइवेट डॉक्टरों व एक क्लीनिक संचालक को विशाल धाकड़ के सरकारी अधिकारी होने पर शक हुआ। तब उन्होंने इसकी सूचना तत्काल कस्बे के मीडियाकर्मियों को दी। इसके बाद वहां कई मीडियाकर्मी पहुंच गए, जिनके कैमरे आदि देखकर विशाल धाकड़ जो अपने आपको स्वास्थ्य विभाग का जांच अधिकारी बता रहा था, घबरा गया और वहां से भागने का प्रयास करने लगा। जब वह अपनी मोटरसाइकिल चालू कर रहा था, तभी लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को बुलाकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस उस फर्जी अधिकारी को थाने ले गई, जहां पूछताछ में उसने बताया कि वह अशोकनगर के पास स्थित बरखेड़ा जागीर का निवासी है। विशाल ने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले उसे कुछ लोग मिले थे जिन्होंने अपने आपको भोपाल के स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बताते हुए उससे 12 हजार रुपये लेकर उसे सुपरवाइजर की नौकरी देने की बात कही थी और कहा था कि तुम जगह-जगह जाकर प्राइवेट डॉक्टरों के कागजों की जांच करो। उन्हीं लोगों के झांसे में आकर उसने 12 हजार रुपये उन्हें दे दिए। आरोपी धाकड़ ने यह भी बताया कि उसे 8 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी, आने-जाने का भत्ता एवं रहने-खाने की व्यवस्था करने का वादा किया था। मैंने आज पहली बार प्राइवेट डॉक्टरों की जांच शुरू की थी और मैं पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान विशाल धाकड़ ने पुलिस को बताया कि जिन लोगों ने उसे झांसे में लिया है, वह छह लोग हैं जिनके नाम सुरेन्द्र यादव, नीतेश रघुवंशी, मुकेश केवट, राकेश यादव, रामपाल यादव एवं नीरज हैं। उनके पास बुलेरो व टवेरा इंडिका गाड़ी है। उक्त लोगों ने अशोकनगर में ऑफिस खोलने की बात भी मुझसे कही थी। इस पूरे घटनाक्रम में एक बात का और अंदेशा है। इस मामले में फर्जीवाड़ा करने वाली कोई बड़ी गैंग जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में सक्रिय है।