विदिशा ! दीपोत्सव पर मां लक्ष्मी की आराधना का महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति लक्ष्मीजी की पूजा कर उन्हें अपने घर में सदैव बने रहने की मनोकामना करता है। इस दीपोत्सव पर त्यौहार कुछ फीका रहने की आशंका है। उसके पीछे सीधा सा कारण फसल की बर्बादी के बाद बिगड़ी अर्थव्यवस्था को माना जा रहा है।
विदिशा जिला और जिला मुख्यालय की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। बड़े उद्योग न होने से कृषि के विकास और उसकी उन्नति पर ही अर्थव्यवस्था निर्भर रहती है। जब कभी प्राकृतिक आपदा या अन्य वजह से खेती प्रभावित होती है तो उसका सीधा सा असर यहां के व्यापार और अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पिछले कुछ सालों के दौरान लगातार प्राकृतिक आपदा की मार के चलते फसल बर्बाद हो रही है। इस बार अल्पवर्षा के कारण सोयाबीन की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई। कुछ इलाकों में तो किसानों की सौ फीसदी फसल अल्पवर्षा की भेंट चढ़ गई।
किसानों पर आश्रित बाजार : फसल आने और उसके बेचने के बाद किसान मूलत: साल में दो बार खरीदी करता है। दीपावली के पहले फसल अच्छी आने और उसकी बिकवाली का इंतजार सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि विदिशा का व्यापारी भी बड़ी बेसब्री से करता है। आम नागरिक और अधिकारी के मुकाबले खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा किसानों पर ही निर्भर होता है। दशहरा, इसके बाद धनतेरस और दीपावली के अलावा इसके बीच में पडऩे वाले पुष्य नक्षत्र पर व्यापारी अपने व्यापार को विशेषकर तैयार करता है। इस त्यौहारी सीजन पर व्यापारी एडवांस में अतिरिक्त माल मंगाकर जुटा लेता है। चार विभिन्न मौकों के लिए इलेक्ट्रानिक्स, आभूषण, बर्तन, वस्त्र, दुपहिया वाहन-चार पहिया वाहन सहित ट्रेक्टर आदि के लिए भी व्यापारी एडवांस में मंाग रखकर त्यौहारों का इंतजार करते हैं। इस बार फसल के बिगडऩे के बाद व्यापारी भी चिंता में डूबा हुआ है। क्योंकि उनके सबसे बड़े ग्राहक इस वक्त चिंता में हैं। कई किसान तो ऐसे हैं जिनकी लागत भी उपज से नहीं निकल पा रही। ऐसे में निश्चित तौर पर व्यापारी भी अपने धंधे में हानि की आशंका जता रहे हैं।
फसलों की बर्बादी और सोयाबीन की फसल पिटने के बाद जिले में पीडि़त किसान या तो सदमे में आकर जान गंवा रहे हैं या फिर आत्महत्या कर फसल बर्बादी के दर्द को सहन नहीं कर पा रहे। जिले में अब तक अलग-अलग स्थानों पर लगभग आधा दर्जन किसानों की असमय मौत हो चुकी है। शनिवार को भी लटेरी क्षेत्र में एक किसान ने फसल बर्बाद होने के चलते जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया है।