भोपाल। मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद भाजपा में उपजी नाराजगी की नब्ज टटोलने के लिए बजट को लेकर विधानसभा में वोटिंग हो सकती है। जुलाई में होने वाले विधानसभा सत्र में आने वाले बजट को लेकर कांग्रेस सरकार के सामने संकट खड़े करने की रणनीति तैयार कर रही है। इस पर अंतिम फैसला विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा। कांग्रेस विधायक दल की बैठक 19 जुलाई की शाम को भोपाल में होगी।

प्रदेश विधानसभा का बीस जुलाई से शुरू होने वाले 5 दिन के सत्र की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस के आला नेताओं ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का यह प्रयास रहेगा कि बजट को लेकर वह सरकार को सदन के अंदर ही घेर सके। इस बीच वह यह भी प्रयास करेगी कि शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में सिंधिया समर्थकों को जगह मिलने के बाद भाजपा विधायकों में कितनी नाराजगी अपने दल और सरकार के प्रति है और यह नाराजगी किस हद तक है। इसे परखने के लिए वह बजट पर वोटिंग की मांग कर सकती है। हालांकि कांग्रेस नेताओं को यह पता है कि वोटिंग के जरिए वह भाजपा सरकार को नुकसान नहीं पहुंचा सकती है, लेकिन वह भाजपा विधायकों की नाराजगी को टेस्ट करने के यह करने पर विचार कर रही है।
इसलिए बनाएंगे यह रणनीति

सूत्रों की मानी जाए तो कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि मंत्रिमंडल गठन के बाद भाजपा के विधायकों में पार्टी को लेकर विरोध पनप रहा है। वहीं कोविड-19 के चलते भी विधानसभा में सदस्यों की उपस्थिति कम हो सकती है। इसका लाभ कांग्रेस उठाने का सोच रही है। ऐसे में बजट पर चर्चा के बाद वोटिंग की तैयारी में कांग्रेस के सभी सदस्यों को तैयार रखा जाएगा, ताकि भाजपा और उसकी सरकार को घेरा जा सके। कांग्रेस अपने विधायकों के लिए विधानसभा सत्र के लिए व्हिप भी जारी कर सकती है।

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