भोपाल । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का बड़झिरी राज्य का पहला डिजिटल गांव बन गया है। इस गांव में बैंक की ओर कर्ज पर ग्रामीणों को स्मार्ट फोन दिए जा रहे हैं। राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने मंगलवार को बड़झिरी गांव केा पहले डिजिटल गांव का लोकार्पण करते हुए कहा कि देश में तेजी से विकास के लिए कैशलेस सोसायटी का होना जरूरी है। उन्होंने इस व्यवस्था को देश की दूसरी आजादी की लड़ाई बताया। बड़झिरी प्रदेश का पहला डिजिटल ग्राम है, जिसे बैंक ऑफ बड़ौदा के सहयोग से डिजिटल ग्राम बनाया गया है। इस मौके पर विधायक रामेश्वर शर्मा भी मौजूद थे।
मलैया ने कहा कि बड़झिरी के लोगों को डिजिटल ग्राम से न केवल बैंकिंग सेक्टर में फायदा मिलेगा, बल्कि इस तकनीक का फायदा ग्रामीणों को खेती-किसानी में भी मिलेगा। वित्तमंत्री ने ग्रामीणों को स्मार्ट फोन और ग्राम पंचायत के सरपंच को कम्प्यूटर भेंट किया। मलैया ने डिजिटल ग्राम की घोषणा के बाद पॉइन्ट ऑफ सेल मशीन से कार्ड स्वाइप कर नजदीक के किराना स्टोर से चावल खरीदा। बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक राजेंद्र कुमार ने बताया कि बड़झिरी को डिजिटल ग्राम बनाने का फैसला अक्टूबर माह में लिया गया था। आज यह गांव पूरी तरह से डिजिटल और कैशलेस बन गया है। उन्होंने बताया कि इंदौर और जबलपुर अंचल में भी चयनित गेंव को शत-प्रतिशत डिजिटल बनाया जा रहा है।
बड़झिरी के 2000 ग्रामीणों के खाते खोले गए और डेबिट कार्ड जारी किए गए। गांव की सभी दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पीओएस मशीन लगाई गई। गांव में एक्सप्रेस लॉबी की स्थापना की गई, जिसमें एटीएम, पास-बुक प्रिंटर, कैश डिपाजिट मशीन लगाई गई।