मुलताई ! अधिकारियों की लापरवाही के चर्चे हम कई बार सुनते है, लेकिन इस बार अधिकारियों ने एक मिसाल कायम कर एक बालिका का जीवन बचाने के लिए रात में ही नगरपालिका का कार्यालय खोलकर उसे ऑपरेशन के लिए नागपुर भेजने का इंतजाम करवाया।
बीएमओ और सीएमओ के संयुक्त प्रयास से बच्ची को सोमवार को नागपुर के प्रसिद्ध श्योरटेक अस्पताल में भर्ती करवा दिया जाएगा, वहां सभी जांचों के बाद इस बच्ची का आपरेशन हो जाएगा। शास्त्री वार्ड निवासी रेखा पिता राजा पंवार जन्म से ही टेट्रा लोजी आफ फालोट्स नामक बीमारी से पीडि़त है। डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी में अशुद्ध रक्त हृदय में बिना शुद्ध हुए ही जाकर मिलने लगता है, जिससे शरीर में आक्सीजन की कमी बनने लगती है और व्यक्ति का रंग नीला पडऩे लगता है। यह बीमारी जन्मजात होती है। इसमें हृदय के दो चैंबरों के बीच एक छोटा छेद होता है, जिससे इस तरह की परेशानी आती है। पैसों के अभाव के चलते रेखा का आपरेशन नहीं हो पा रहा था। बीमएओ रजनीश शर्मा को जैसे ही रेखा की जानकारी लगी, वह रेखा पंवार के घर पहुंच गए और उसके पिता से रेखा के बारे में जानकारी ली। बीएमओ ने जब रेखा का स्वास्थ्य परीक्षण किया तो उसका स्वास्थ्य बेहद खराब था। रेखा ने बताया कि उसमें खड़े होने की भी ताकत नहीं बची है। श्वांस लेने में भी परेशानी होती है। पुरानी जांचों के कागज देखने पर पता चला कि हृदय में छेद वाली बीमारी से पीडि़त है। ऐसे में बीएमओ ने तुरंत ही नागपुर के श्योरटेक अस्पताल में बात की और रेखा की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
श्योरटेक अस्पताल द्वारा रेखा का इलाज राज्य बीमारी सहायता योजना के तहत करने के लिए हामी भरी गई। इसके बाद बीएमओ ने सीएमओ मो. सलीम को फोन लगाया और बच्ची की हालत के बारे में जानकारी दी। जानकारी मिलते ही सीएमओ मो. सलीम ने रात में ही नगरपालिका का कार्यालय खुलवाया और रेखा को एक प्रमाण पत्र बनाकर दिया, जिसमें उसके गरीबी रेखा के कार्ड और क्रमांक का नंबर अंकित था। बीएमओ शर्मा ने बताया कि यदि जल्द ही रेखा का आपरेशन नहीं होगा तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए सोमवार को ही रेखा को नागपुर भेजा जाएगा और मंगलवार या बुधवार को उसका आपरेशन संपन्न हो जाएगा। दो अधिकारियों की तत्परता के चलते एक बच्ची की जान बच जाएगी।
आठवीं के बाद नहीं पढ़ पाई रेखा
रेखा को जन्म से ही यह बीमारी है। रेखा की उम्र फिलहाल 14 साल की है और वह 8वीं कक्षा तक पढ़ी है, लेकिन इसके बाद उसकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई है। रेखा का कहना है कि अब उसमें इतनी ताकत भी नहीं बची कि वह स्कूल तक चली जाए। रेखा को अधिकांश समय सोकर ही गुजारना पड़ता है। रेखा का शरीर धीरे-धीरे नीला पड़ता जा रहा हैै और वह पूरी तरह से कमजोर होती जा रही है। यदि रेखा का आपरेशन सही समय पर हो गया तो उसकी जिंदगी बच सकती है।
इनका कहना है
रेखा को पहले आपरेशन की जरूरत है। हमारे द्वारा प्रकरण बनाकर कलेक्टर के समक्ष भेजा जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन नागपुर से बात हो गई है, वह आपरेशन करने के लिए तैयार है। बुधवार को आपरेशन करवाया जाएगा।
रजनीश शर्मा,
बीएमओ, मुलताई