भोपाल ! पेट दर्द से परेशान एक महिला ने गुस्से में आकर अपनी 8 और 3 साल की दो बेटियों की हसिए से गला रेतने के बाद फांसी लगा ली। महिला को गंभीर हालत में हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला के बयान नहीं हो पाने के कारण वारदात के असल कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
बिलखिरिया थाने से मिली जानकारी के अनुसार बिलखिरिया स्थित छावनी पठार निवासी भगत सिंह केवट की किराने की दुकान है। वे अपनी 36 वर्षीय पत्नी सविता, बेटी राधा उम्र 10 वर्ष , कंचन उम्र 8 वर्ष , बेटा गजेंद्र उम्र 4वर्ष और आरती उम्र 3वर्ष के साथ दुकान के पास बने मकान में रहते थे, जबकि उनकी बड़ी बेटी विद्या उम्र 12 वर्ष उनके साले के यहां सागर में रहती है। भगत ने बताया कि सविता को कई महीने से पेट दर्द की शिकायत थी। उन्होंने चिकित्सकों की सलाह लेने के बाद करीब 6 महीने पहले नरसिंहपुर में बच्चेदानी का ऑपरेशन करवा दिया। उसके बाद भी उसकी तकलीफ कम नहीं हुई। इससे वह इतनी नाराज थी कि उसने शुक्रवार रात दो बच्चों के साथ खुद को कमरे में बंद कर लिया था। शनिवार सुबह करीब 9 बजे बच्चे गणेशजी की आरती का प्रसाद लेकर मां के पास पहुंचे। इसी दौरान सविता 8 साल की कंचन और 3 साल की आरती को अपने देवर जगदीश के कमरे में ले गई। उसने दोनों मासूमों का हसिए से गला रेतकर खुद को फांसी लगा ली। जब तक लोगों की सूचना पर भगत सिंह घर पहुंचे, तब तक दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद गांव के लोग सविता को फांसी से उतार कर अस्पताल ले गए। यहां उसका गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। पुलिस के मुताबिक महिला के बयान नहीं हो पाने के कारण वारदात के असल कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
पहले भी की थी बच्चों को मारने की कोशिश
सविता पहले भी कई बार फांसी लगाने और बच्चों को मारने की धमकी दे चुकी थी। कई मर्तबा तो उसने इसकी कोशिश भी की। लेकिन गांव वालों ने किसी तरह दरवाजा खुलवाकर बच्चों को छुड़वाया। बताया गया है कि वारदात से एक दिन पहले उसने बिलखिरिया थाने में एक शिकायत की थी। इसमें उसने कहा था कि शनिवार सुबह 11 बजे तक पुलिस घर आ जाए नहीं तो बहुत बड़ा मामला हो जाएगा। हालांकि बिलखिरिया थाना प्रभारी राजेश सिंह ने ऐसी कोई भी शिकायत मिलने से इनकार किया है।