ग्वालियर। महाराष्ट्र के नागपुर से सायकल पर सवार होकर बेटी बचाओ-बेटी पढाओ , तथा दहेज प्रथा के खिलाफ जनजागृति का अभियान लेकर गत चार जून २०१७ को निकले ३१ वर्षीय श्रीधर एन आडे आज ग्वालियर पहुंचे। वह अपनी सायकल यात्रा करते हुए २१ जुलाई को नई दिल्ली के इंडिया गेट पहुंंचेंगे।
सायकल यात्री श्रीधर आडे ने बताया कि वह छिंदबाडा नरसिंहपुर, सागर, ललितपुर, झांसी, दतिया होते हुए ग्वालियर पहुंचे। सायकल यात्री श्रीधर ने बताया कि वह लगभग ८० किलोमीटर रोजाना सायकल चलाते हैं। वह रास्ते में पडने वाले गांवों में लोगों को बेटी बचाओ-बेटी पढाने के साथ ही दहेज प्रथा की बुराई के बारे में जनजागृत करते हैं। उन्होंने बताया कि कई गांवों में उन्हें लोगों का भरपूर सहयोग मिलता है वहीं कुछ गांव में पुरानी रीति रिवाज के चलते लोग बिलकुल भी सहयोग नहीं करते हैं। इन लोगों का मानना है कि भगत सिंह पैदा तो देश में गांव में हो लेकिन पडोसी के घर में । श्रीधर ने बताया कि वह इससे पहले दहेज प्रथा के जनजागरण को लेकर २०१६ में पूरे महाराष्ट्र में सायकल से यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि दहेज प्रथा को लेकर उनके पास एक योजना है जिसे वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर उन्हें देंगे। उन्होंने बताया कि रास्ते में मीडिया कर्मियों , अधिकारियों का भी सहयोग उन्हें मिल रहा है। श्रीधर कल बेटियों को लेकर सबसे कम अनुपातिक जिले मुरैना पहुंचेंगे जहां वह गांव गांव के लोगों को बेटी बचाओ और बेटी पढाओ का संदेश देगे। कक्षा दस तक पढे श्रीधर चार बहनों में सबसे छोटे भाई हैं। दहेज का दर्द उनके परिवार ने झेला हैं। हालांकि उनकी बहनें अपनी ससुराल में खुश हैं। श्रीधर का भी विवाह हो चुका है और उनकी पत्नी मायके में रहकर भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सायकल यात्रा से परिवार खुश है श्रीधर ने कहा कि वह परिवार की इच्छा से ही सायकल यात्रा कर रहे हैं।

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