इंदौर। भय्यू महाराज और उनकी पत्नी डॉ. आयुषी के वकील को 5 करोड के लिए धमकाने वाले आरोपी भाजपा नेता के संपर्क में थे। पुलिस ने कल नेता से कडी पूछताछ की। आरोपी और नेता के अलग-अलग बयान लिए गए। पुलिस दो अनुयायी और ट्रस्ट के सचिव की भूमिका भी जांच रही है। सभी संदेही मुख्य आरोपी ड्राइवर के संपर्क में थे। आरोपियों के निजी मोबाइलों की कॉल डिटेल में नंबर मिले हैं। एमआईजी टीआई तहजीब काजी के मुताबिक वकील निवेश उर्फ राजा बडजात्या (ओल्ड पलासिया) से 5 करोड की फिरौती मांगने वाला ड्राइवर कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ, अनुराग रोजिया और सुमित चौधरी सोमवार तक रिमांड पर हैं।
तीनों से कार, मोबाइल और सिम बरामद हो चुकी है। कैलाश ने पूछताछ में महाराज की मौत में विनायक दुधाले, शरद देशमुख और एक युवती की भूमिका बताई है। युवती अश्लील वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देकर 40 करोड रुपए, 40 लाख का फ्लैट और कार की मांग कर रही थी। विनायक और शरद उसे उकसा रहे थे। टीआई के मुताबिक कैलाश ने कहा कि विनायक और शरद 12 करोड रुपए लेकर भागे हैं। उसे शक था कि वकील राजा के पास भी महाराज के करोडों रुपए रखे हैं। उसने रुपए वसूलने के लिए धमकाया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों की कॉल डिटेल निकाली तो भाजपा नेता सुरेश यादव और आश्रम से जुडे संदीप कांटे, आनंद जैन सहित सचिव तुषार पाटिल के नंबर निकले। टीआई ने नेता यादव को नोटिस जारी कर तलब कर लिया। उससे कल घंटों पूछताछ की गई। कैलाश को दूसरे कमरे में रखा और उसके द्वारा दिए बयानों की तस्दीक करवाई है।
फरियादी वकील ने तत्कालीन जांच अधिकारी पर परिजन को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पारिवारिक विवाद बताकर जांच की दिशा मोड दी। कुहू और डॉ. आयुषी के बीच कलह बता दिया गया, जबकि अभी दोनों साथ ही रहती हैं। इसी वर्ष जून में कुहू पढाई के लिए लंदन जाने वाली थी। उसके जाने के बाद विवाद भी स्वतः खत्म हो जाता। भाई गर्वेश ने कैलाश के नार्को टेस्ट करवाने और कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाने की मांग की है। टीआई के मुताबिक कैलाश से पूछताछ बाकी है।
कैलाश के बयानों के बाद खजराना सीएसपी ने विनायक, शरद और उस युवती की तलाश शुरू कर दी है। तीनों की कॉल डिटेल भी निकाली जा रही है। विनायक महाराष्ट्र के समीर पाटिल और गणेश ताडेकर के संपर्क में रहता था। महाराज की मौत के बाद विनायक मां की बीमारी का बहाना बनाकर महाराष्ट्र भाग गया। पुराने नंबर बंद किए और डॉ. आयुषी व आश्रम से संपर्क तोड लिया। शरद मूलतः खामगांव का रहने वाला है। उसे महाराज ने एक स्कूल में नौकरी लगवा दी थी।

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