इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख डा मोहन भागवत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान का नाम लिये बैगर कहा कि वह ‘द्वेष की पराकाष्ठा’ के चलते अपनी नाक कटवा कर भी भारत का बुरा चाहता है । छत्रपति शिवाजी के जीवन पर लिखी पुस्तक ‘शक निर्माता शिवराय के विमोचन कार्यक्रम में कल रात आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. भागवत ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कटाक्षपूर्ण लहजे में कहा कि ‘‘द्वेष की पराकाष्ठा तो ऐसी है कि हमारी (पाकिस्तान की) अपनी हालत पतली है ,लेकिन हम (पाकिस्तान) अपनी नाक कटवा कर भी पड़ोसी (भारत) के लिये अपशकुन करेंगे ,हमारा पड़ोसी (पाकिस्तान) ऐसा ही बर्ताव कर रहा है।
’ आरएसएस के प्रमुख ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा, ‘बन गये अलग (मुल्क)..ठीक है बन गये. हम मदद करने के लिये तैयार हैं. अपने बल पर खड़े हो जाओ. हम जब बार-बार दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं, तो वह ऐसी व्यवस्था करता है कि हम दोस्ती का हाथ न बढ़ा सकें.’ उन्होंने कहा कि दुनिया के मुल्कों में महाशक्ति बनने के लिये स्पर्धा चल रही है जिससे विकसित और विकासशील देश पिस रहे हैं।सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा कि भारत सिर्फ भारतीयों का है।
भारतीय स्वभाव होने के नाते हम अपने यहां आने वालों का अच्छा आथित्य करेंगे।लेकिन बिना यहां का बने कोई हमारा प्रभु बनेगा तो यह नहीं चलेगा।भारत सारे विश्व को अपना कुटुंब मानता है।यह हमारी मजबूती है।कोई इसे कमजोरी मानकर भारत में भारत को दबाने की कोशिश करेगा तो यह नहीं चलेगा।पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास दिल्ली के अध्यक्ष बल्देव भाई शर्मा, पुस्तक के लेखक सद्गुरू विजय देशमुख न्यास के अध्यक्ष अजय राव देशमुख और हिंदी अनुवाद करने वाले इंदौर के डा.मोहन बांडे भी मौजूद थे।