भोपाल ! अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद उसके शव को चबूतरा बनाकर दफन करने वाला आरोपी उदयन दास 32 पुलिस के सामने एक के बाद एक नये सनसनीखेज खुलासे कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शनिवार को आकांक्षा का सुभाष नगर विश्राम घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान अंतिम संस्कार करने पहुंचे मृतका के भाई को यहां मौजूद मिडिया कर्मियों से बचने के लिए धक्का-मुक्की का शिकार भी होना पड़ा।
मृतका आकांक्षा के भाई आयुष श्र्मा और एक अन्य रिश्तेदार सुबह 11 बजे हमीदिया अस्पताल स्थित शव गृह पहुंच गए। दोनों घंटे भर बात करते रहे कि अंतिम संस्कार भोपाल में करें या कोलकाता ले जाए। अंत में अंतिम संस्कार भोपाल के सुभाष नगर विश्राम घाट पर किया गया। इस दौरान आकांक्षा का भाई उसके कुछ अन्य परिजन और बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद थे। लेकिन आकांक्षा का भाई आयुष किसी से भी बात करने को तैयार नहीं हुआ। वह अंतिम संस्कार के बाद बहन की अस्थियां लेकर तेजी से अपनी कार की ओर बढ़ा। हालांकि इस बीच यहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने उसे घेरकर सवाल करना चाहे, लेकिन वह बचते हुए वहां से निकला और कार में सिर छुपाकर बैठा रहा। अपनी बहन की मौत के सदमे से से जैसे उसके मुंह से शब्द नहीं फूट रहे थे।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले देवेंद्र कुमार शर्मा की 28 साल की बेटी आकांक्षा 24 जून 2016 से लापता थी। उन्होंने इस मामले में प्रकरण दर्ज कराया था। उन्हें शक था कि आकांक्षा उदयन दास उम्र 32वर्ष के साथ साकेत नगर स्थित 3/ए, एमआईजी-62 में रह रही है। गुरुवार को जब पुलिस उसके घर पहुंची, तब इस का खुलासा हुआ। पकड़ाए जाने के बाद आरोपी उदयन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने आकांक्षा की लाश को एक पेटी के अंदर बंद कर सीमेंट के घोल से भर दिया। इसके बाद गारे से बॉक्स के चारों तरफ दीवार उठाकर चबूतरा बना दिया था। पुलिस ने ड्रिल मशीन की सहायत से युवती के शव को करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाला और फिर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शुक्रवार को आकांक्षा के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। इस दौरान आकांक्षा का भाई आयुष भी मौजूद रहा। वहीं शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर किया। अदालत ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंप दिया।