ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए 2 पटवारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। लोकायंक्त पुलिस द्वारा इन पटवारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ नहीं पकडा गया था, बल्कि इन दोनों पटवारियों ने रिश्वत मांगने की रिकॉडिंग पर कार्यवाही की गई थी।
ग्वालियर जिले के भितरवार तहसील के रौरा में सेवारत पटवारी महेन्द रावत के खिलाफ 2014 और मुरार में सेवारत पटवारी स्वाति दुबे के खिलाफ 2015 में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था।दोनों पटवारियों पर जमीन के नामांतरण के मामले में किसान से रिश्वत मांगने का आरोप था। लोकायुक्त पुलिस ने दोनों पटवारियों की ऑडियो रिकॉडिंग पर रिश्वत का मामला दर्ज किया गया था।
भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी महेन्द रावत को इसी वर्ष जून माह में और स्वाति दुबे को अगस्त माह में न्यायालय द्वारा 3-3 साल की सजा से दण्डित किया गया था।
ग्वालियर लोकायुक्त के अनुसार पटवारी महेन्द रावत ने भितरबार के किसान राजेन्द्र जाटव से जमीन नामांतरण के एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। पटवारी महेन्द रावत पर 2014 में लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। इसी साल जून में पटवारी को न्यायालय ने 3 साल की सजा व 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
छूसरा मामला मुरार में पदस्थ पटवारी स्वाति दुबे ने किसान हाकिम सिंह राठौर ने जमीन नामांतरण के मामले में 8 हजार 500 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। रिकॉडिंग के आधार पर पटवारी स्वाति पर लोकायुक्त ने मामला दर्ज कर लिया। न्यायालय ने अगस्त में पटवारी स्वाति दुबे को 3 साल की सजा व 8500 रुपए जुर्माना लगाया है।