ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के फूप में स्वास्थ्य सेवाओं से खिलवाड एक अजीब चौंकाने वाला मामला सामने आया है। भिण्ड जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर फूप में स्थित श्याम पैथालॉजी लैब पर बुखार से पीडित युवक मलेरिया और टायफाइड की जांच कराने गया। पीडित युवक को लैब की जांच रिपोर्ट मिली तो वह जांच रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने जांच रिपोर्ट देखी तो वह अचरज में पड गया क्योंकि जांच रिपोर्ट में बुखार से पीडित युवक को गर्भवती बता दिया गया। युवक ने जांच रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। भिण्ड के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. जेपीएस कुशवाह ने भिण्ड से टीम को भेजकर फूप में पैथालॉजी को सील करा दिया। लैब संचालक फरार है। सीएमएचओ का कहना है कि लैब संचालक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भिण्ड जिले के फूप निवासी सुरेश कुमार (45वर्ष) को एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। बुखार से पीडित सुरेश कुमार डॉ. वीके वर्मा के पास गए। उन्होंने सुरेश को फूप के अटेर रोड तिराहा पर श्याम पैथालॉजी लैब पर मलेरिया और टाइफाइड की जांच कराने के लिए भेजा। दोपहर बाद रिपोर्ट मिली तो पता चला कि उन्हें गर्भवती बताया गया है।
युवक को गर्भवती बताते हुए दी गई जांच रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हंगामा मच गया। भिण्ड के सीएमएचओ डॉ. जेपीएस कुशवाह ने फूप में संचालित पैथालॉजी लैब को सील करा दिया है। डॉ. कुशवाह का कहना है पैथालॉजी संचालक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भिण्ड के शासकीय जिला अस्पताल के आसपास करीबन 2 दर्जन पैथालॉजी लैब तथा एक्सरे मशीन लगी हुई है, लेकिन इनके पास इनके विशेषज्ञ नहीं है। इन लैबों पर जांच करने वाले विशेषज्ञ नहीं होने से जांच रिपोर्ट में इस तरह की घटनाएं होती रहती है। जब कोई बडी घटना होती है जब स्वास्थ्य विभाग की नींद खुलती है वो भी उतने समय के लिए। लोगों की जिन्दगी के साथ खिलवाड करने वालों को खिलाफ तो कार्यवाही की ही जाए साथ ही जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ बडी कार्यवाही की जाए तो शायद इस तरह के लैब पर रोक लग सके।