भोपाल ! मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक और शर्मनाक घटना सामने आई है। एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गई, दुष्कृत्य के बाद उसकी हत्या की कोशिश की गई। बुधवार सुबह बच्ची नाजुक हालात में बरखेड़ी के पुल पातरा के पास मिली है, इससे भी शर्मनाक बात यह है कि राजधानी होने के बाद भी डायल दो घंटों तक 100 और 108 मौके पर नहीं पहुंची। वहीं पुलिस भी थानों की सीमा का बहाना बनाती रही।
बाद में पुलिस अधीक्षक हस्तक्षेप के बाद सम्बंधित ऐशबाग थाने में शून्य पर अपराध दर्ज किया किया। बाद में प्रकरण की जांच के लिए केश डायरी रेलवे पुलिस थाना भेजी गई। इसके चलते बलात्कार पीडि़ता बच्ची को दो घंटे बाद मदद मिली। बच्ची को एक महिला की मदद से सुल्तानिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसकी हालात नाजुक बनी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल में स्थित बरखेड़ी के पुल पातरा के पास बुधवार सुबह 3 साल की बच्ची जख्मी हालत में मिली थी, वहां से गुजर रहे लोगों ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। बताया जाता है कि बच्ची के साथ देर रात दुष्कर्म किया गया। बच्ची की हालात देखकर लग रह है कि पकड़े जाने के डर से आरोपी ने बच्ची को जान से मारने की कोशिश भी, लेकिन वह सफल नहीं हो सका।
गौरतलब है कि आज सुबह पातरा पुल लडक़ी की टाल के पीछे बनी झाडिय़ों के पास मनोज नामक व्यक्ति शौच के लिए झाडिय़ों में पहुंचा, तो उसे बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। पास जाकर देखा तो करीब तीन साल की बच्ची लहूलुहान अवस्था में झाडिय़ों में पड़ी थी, जांच के बाद बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। जानकारी के मुताबिक मासूम भोपाल स्टेशन प्लेटफॉर्म नंबर 6 के माल गोडाउन पार्सल काउंटर के पास अपने मां-बाप के पास रहती थी। परिजनों ने बताया कि वे करीब 15 दिन पहले उत्तरप्रदेश से भोपाल आए थे, वह स्टेशन पर रहकर ही पन्नी बीनने का काम कर अपनी रोजी रोटी चला रहे थे।
चिटनीस ने पुलिस के रवैये पर जताई नाराजगी
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कड़ी निंदा की है। उन्होंने दो पुलिस थानों में सीमा को लेकर हुए विवाद के कारण बच्ची को जल्दी मदद न मिल पाने पर भी खासी नाराजगी जताई है। साथ ही ऑटो से मासूम को अस्पताल पहुँचाने वाली महिला को सम्मानित करने की बात कही है। चिटनीस ने कहा है कि समाज को ऐसे मामले में कठोर होना चाहिये और अपराधी को कड़ी सजा दिलाने में मदद करना चाहिये।

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