भोपाल ! मध्यप्रदेश में औद्योगिकीकरण के लिए नए सिरे से वातावरण बनाने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में नौ नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों को बताया, कि औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित किए करने के लिए धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र और जेतापुर पलासिया, सीहोर जिले के बडिय़ाखेड़ी, होशंगाबाद के मोहासा बाबई, शिवपुरी के पड़ोरा, नीमच के झांझरवाड़ा, जबलपुर के डुंगरिया, सतना के बाबूपुर और इंदौर के आईटी पार्क क्षेत्र को चिन्हित किया गया है। नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना 2625 हेक्टेयर भूमि में की जाएगी। इस उद्देश्य से 1940 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। डॉ. मिश्रा ने बताया, कि बैठक में सहकारी बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जा रहे अल्प अवधि कृषि ऋण योजना को 31 जनवरी 2017 रखे जाने का निर्णय लिया। वहीं लोकायुक्त संगठन में न्यालयीन कार्य के लिए कोर्ट आरक्षण के 46 पदों की स्वीकृति प्रदान की है। इसी तरह 20 माध्यमिक विद्यालय का हाई स्कूल में उन्नयन करते हुए कुल 200 पद की मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया, कि बैठक में विमानन संचालनालय में आयुक्त विमानन का पद सृजित करने का निर्णय भी लिया। वहीं हेल्थ केयर इन्वेस्टमेंट पॉलिसी में सुविधाएं देने की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में प्रस्तावित मध्यप्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन योजना-2016 का अनुमोदन भी किया गया है।
उन्होंने बताया, कि बैठक में विद्युत वितरण कंपनियों को आर-एपीडीआरपी पार्ट-बी योजना के लिए ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से मिलने वाले ऋण के लिए 1388 करोड़ 23 लाख रुपए की प्रत्याभूमि की अवधि को 31 मार्च 2017 तक बढ़ाने का फेसला लिया। डॉ. मिश्रा ने बताया, कि प्रदेश में एम्बुलेंस की सुविधा के लिए अब अलग-अलग नंबर की जगह पर केवल एक नंबर 108 लगाना ही काफी होगा। डॉ. मिश्रा के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में संशोधन किया। इसके अनुसार स्व-रोजगार योजना की लिमिट 20 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए की गई है।