ग्वालियर !  मध्यप्रदेश बाल मृत्यु दर मे औसतन अन्य सभी राज्यों से आगे है 1बाल मृत्यु दर को रोकने के लिए सरकार के साथ साथ चिकित्सकों को भी प्रयास करने होंगे। मप्र मे अभी भी टीकाकरण जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का औसत 40 प्रतिशत है जबकि अन्य राज्यों मे टीकाकरण 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है 1 बाल मृत्यु दर भारत मे 16 लाख प्रतिवर्ष है जबकि विश्व मे प्रतिवर्ष 76 लाख बच्चों की मौत विभिन्न कारणों से होती है 1
उक्त जानकारी आज भारत एवं सार्क देशों के बाल रोग विशेषज्ञों की संस्था भारतीय बाल अकादमी आई.ए.पी. के अंर्तराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सी.पी. बंसल ने पत्रकारों को दी। उन्होने कहा भारत मे प्रति 20 सेकेड मे एक बच्चे की मौत होती है और विश्व की कुल बाल मृत्यु दर का 23 प्रतिशत हिस्सा भारत से ही है ।उन्होने कहा कि सबसे दुर्भाज्ञ की बात यह है कि यह मृत्यु अधिकतर ऐसे हालातों मे होती है जिसे रोका जा सकता है ।
डां बंसल ने कहा कि देश में सात आठ बीमारु राज्य है जहां पर बिहार राजस्थान उडीसा छत्तीसगढ झारखंड आदि राज्य आते है 1बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र मे जो पैरामीटर मापदंड डब्ल्यू.एच.अो. ने तय किये है इसमे 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर व नवजात मृत्यु दर शामिल है अभी फिलहाल बाल मृत्यु दर मे जो स्थिति है उसमे एक दिन के बच्चे से एक वर्ष तक के बच्चे आई.एम.आर. के वर्ग मे 1 हजार मे 47 मृत्यु दर है 1 2015 तक इस मृत्यु दर को 1 हजार मे 28 करने का लक्ष्य है 1वहीं नवजात मृत्यु दर मे 1 से 28 दिन तक एन.एम.आर. मे 1हजार मे 34 मृत्यु दर है इसे भी घटाकर 20 करने का लक्ष्य है 1इसी प्रकार 5 वर्ष तक की बाल मृत्यु दर यू.एम.आर. यू 51 हजार मे 63 है इसे भी 2015 मे घटाकर 36 करना है 1
उन्होने कहा कि नवजात मृत्यु दर रोकने के लिए भारतीय बाल अकादमी ने 2009 से एन.आर.पी. प्रोजेक्ट चाला रही है जो कि विश्व का सबसे बडा चाइल्ड र्सवाइव प्रोजेक्ट है।
डॉ. बंसल ने बताया कि आई.ए.पी.एनआरपीएफजीएम नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम है देश मे बाल मृत्यु दर मे जो बीमारी औसतन सबसे ज्यादा सामने आई है उनमे निमोनिया से 20 प्रतिशत डायरिया से 15 प्रतिशत है वहीं खसरा मीजल्स मलेरिया डेगू टाइफाइड व तपेदिक आदि रोगों का प्रतिशत अलग है 1
डॉ.बंसल के अनुसार इस वर्ष भारतीय बाल अकादमी पूरे देश मे मिशन उदय प्रभावी ढंग से चलाना चाहती है ।इसके तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित 50 जिलों मे यह कार्यक्रम चलाया जायेगा जिसमे अकेले मप्र से ही 10 जिले शामिल है 1
भारतीय बाल अकादमी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. शैलेष गुप्ता ने बताया कि अकादमी बाल मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए अपने प्रोजेक्ट को सबसे पहले ग्वालियर से ही लांच कर रही है ।इस प्रोजेक्ट मे 5 गतिविधि मुख्य रुप से संचालित की जाएंगी जिसमे पहले क्रम मे डायरिया निमोनिया कुपोषण एनीमिया जैसे मेजर किलर पर राष्ट्रीय मैनेजमेट प्रोटोकोल गाइड लाइन र्सवोच्च साइंस वैज्ञानिक इलाज तैयार कर पूरे देश मे आई.ए.पी. सदस्यों के साथ बाल रोग विशेषज्ञ व अन्य चिकित्सकों को दी जाएगी और उन्हे प्रशिक्षित भी किया जाएगा। इसके साथ सघन नियमित टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा ताकि टीकाकरण की दर बढ सके 1
उन्होने बताया कि तीसरे क्रम मे देश के 50 चयनित जिलों मे 2013 के लिए इस अभियान से जुडे 350 चिकित्सक इन बीमारियों के रिपोर्टिंग सिस्टम को सुदृढ बनाएंगे इसके लिए ॉनलाइन आई.डी. रिपोर्टिंग सिस्टम स्थापित भी किया गया है ताकि यह रिपोर्ट सरकार को दी जा सके इसी के साथ इन 50 जिलों मे जन जागृति अभियान भी चलाया जाएगा।मीडिया रिपोर्टिंग की जाएगी वहीं इससे जुडे 550 चिकित्सक शासन के विभिन्न कार्यक्रमों मे सहयोग देगे 1

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