ग्वालियर !  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने साफ कर दिया है कि वे न तो राज्य में मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, और न ही विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बताया। यह बात शुक्रवार को ग्वालियर पहुंचने पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कही। राज्य में चुनाव से पहले कांग्रेस में भावी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर घमासान मचा हुआ है। कार्यकर्ता भी पसोपेश में हैं कि अखिर कौन होगा पार्टी का दावेदार। सिंह ने पार्टी के भावी मुख्यमंत्री को लेकर किए गए सवाल के जवाब में साफ किया कि वे इस पद के दावेदार नहीं हैं। इतना ही नहीं वे विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ने वाले हैं।

सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में बिजली खरीदी में 19 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। यह बिजली बगैर निविदा की खरीदी गई है। राज्य में 24 घंटे बिजली देने के दावों के साथ अटल ज्योति अभियान चलाया जा रहा है, मगर हालत यह है कि इस अभियान की शुरुआत के कार्यक्रम में प्रशासन को जनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने राज्य की शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य की आज जो सिंचाई क्षमता है वह उनके काल में शुरु की गई सिंचाई योजनाओं का नतीजा है।

राज्य में बढती दुष्कर्म की घटनाओं की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि इन घटनाओं को लेकर सिर शर्म से झुक जाता है। दिल्ली में एक दुष्कर्म की घटना पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज देश के प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगती है अैार सोनिया गांधी पर उंगली उठाती हैं, मगर मध्य प्रदेश में हर रोज दुष्कर्म हो रहे हैं, इस पर स्वराज जुबान ही नहीं खोलती हैं। वे आगे कहते हैं कि स्वराज भले ही सर्वजनिक तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री से कुछ न कहें मगर बंद कमरे में तो उनका कान पकड़ ही सकती हैं।

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