भोपाल । केंद्र सरकार द्वारा 500-1,000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने लेन-देन को कैशलेस करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में डिजिटल करेंसी (मुद्रा) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को यहां प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए। यह समिति कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने, लोगों में इसकी स्वीकार्यता बढ़ाने और लोकप्रिय बनाने के लिए सुझाव देगी। समिति में अपर मुख्य सचिव दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी, सचिव वित्त अमित राठौर, सचिव मुख्यमंत्री विवेक अग्रवाल और बैंकों के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि काला धन को रोकने और वित्तीय लेन-देन के भ्रष्ट तरीकों को रोकने के लिए प्लास्टिक करेंसी भविष्य की आवश्यकता है। मोबाइल, पाईंट ऑफ सेल मशीन एवं अनलाइन पेमेंट गेटवे का उपयोग करने की दिशा में कदम बढ़ाना जरूरी हो गया है। इसके लिए लोगों को साक्षर, शिक्षित और प्रेरित करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने बैंकों के सहयोग से अभियान की रूपरेखा बनाने के लिए निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी भुगतान और निजी क्षेत्रों में भुगतान के लिए भी डिजिटल करेंसी का उपयोग कैसे किया जा सकता है!

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