भोपाल | मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों में पांच वर्षो में 47 बाघों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा 15 बाघों की मौत राजधानी भोपाल के राष्ट्रीय उद्यान वन विहार में हुई है।

विधानसभा में कांग्रेस विधायक निषीथ पटेल द्वारा पूछे गए सवाल के एक लिखित जबाव में वन मंत्री सरताज सिंह ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2009-10 से अबतक कुल 47 बाघों की मौत हुई है। इन मौतों की वजह बीमारी, वृद्घावस्था व आपसी संघर्ष रहा है। वन मंत्री द्वारा दिए गए जबाव के मुताबिक राष्ट्रीय उद्यान वन विहार में 15, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 13, कान्हा टाइगर रिजर्व में आठ, पेंच टाइगर रिजर्व में पांच, पन्ना टाइगर रिजर्व में चार, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में एक और नौरादेही अभ्यारण्य में एक बाघ की मौत हुई है। वन मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक 47 बाघों में से 18 की मौत का कारण आपसी संघर्ष था, वहीं 13 की बीमारी, तीन की जहर खुरानी, 10 की वृद्घावस्था, दो की वाहन दुर्घटना व एक की वजह सही देखभाल का न होना रही है। उन्होंने आगे कहा है कि पांच वर्षो की अवधि में राज्य में अधिकांश बाघों की मौत स्वाभाविक कारणों से हुई है, उसके बावजूद सरकार ने राष्ट्रीय उद्यानों और अभ्यारण्यों में बाघ के अलावा अन्य वन्य प्राणियों की अस्वाभाविक मृत्यु को रोकने के उपाय किए हैं।

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