भोपाल | मध्य प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों पर रोक लगाने के लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होने में तेजी आई है। राज्य के विभिन्न न्यायालयों ने महिलाओं के खिलाफ बीते चार माह में हुई छह वारदातों के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया कि जनवरी 2013 से अभी तक कुल 484 मामलों में आरोपियों को सजा मिल चुकी है। इनमें से छह मामलों में मृत्युदंड, 42 मामलों में आजीवन कारावास, 59 मामलों में 10 वर्ष से अधिक और 377 मामलों में 10 वर्ष से कम कारावास की सजा शामिल है।

फांसी की सजा पाने वाले दोषियों में मण्डला के थाना नैनपुर में दुष्कर्म एवं हत्या के दोषी राजकुमार उरव, भोपाल के थाना जहांगीराबाद में आरोपी दिलीप बनकर, जबलपुर के थाना बेलखेडा में आरोपी पंजम लोधी, थाना खंडवा में अनोखी, भोपाल के थाना टी.टी.नगर में आरोपी नंदकिशोर बनकर और इंदौर के एमआईजी थाना में बाबू उर्फ केतन, सन्नी ऊर्फ देवेन्द्र, जितेन्द्र शमिल हैं।  गौरतलब है कि वर्ष 2012 में भी महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों के 808 मामले सामने आए थे, जिनमें से दो मामलों में न्यायालय ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके अलावा 137 मामलों में आजीवन कारावास, 137 मामलों में 10 वर्ष या उससे अधिक का कारावास, 241 मामलों में 5 वर्ष या इससे अधिक और 291 मामलों में पांच वर्ष से कम के कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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