भोपाल ! लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित 122वें संविधान संशोधन विधेयक, 2016 (जीएसटी संबंधी) के अनुसमर्थन में लाए गए संकल्प प्रस्ताव को मध्यप्रदेश विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। कांग्रेस ने जहां जीएसटी के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए तो राज्य सरकार ने उनका पक्ष जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखने का भरोसा दिलाया है।
राज्य विधानसभा की बुधवार को बैठक बुलाई गई। सरकार की ओर से विधि विधाई मंत्री रामपाल सिंह ने संकल्प पत्र को रखा, इस संकल्प पत्र का सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने समर्थन किया। कुछ शंकाएं भी बताई, जिस पर वित्त मंत्री जयंत मलैया ने भरोसा दिलाया कि वे इन आशंकाओं को जीएसटी को लेकर बनाई गई समिति के समक्ष रखेंगे।
इस संकल्प पत्र पर कांग्रेस की ओर से उपनेता बाला बच्चन, विधायक राजेंद्र सिंह, मुकेश नायक, महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, रामनिवास रावत, जयवर्धन सिंह, भाजपा की ओर से दुगार्दास, यशपाल सिंह सिसौदिया आदि ने अपनी बात रखी। सभी ने इस संकल्प का समर्थन प्रस्ताव को राज्य हित मे बताया।
कांग्रेस के अधिकांश विधायकों का मत है कि जीएसटी से कर में एकरूपता आ जाएगी, मगर पेट्रोलियम पदार्थो को इससे बाहर रखने पर सवाल उठाए। साथ ही बीज को जीएसटी मंे लिए जाने का भी जिक्र किया। साथ ही कहा कि इससे राज्य को क्या लाभ होगा, इस बात का भी आगामी समय में सरकार खुलासा करें। इसके अलावा भाजपा द्वारा कांग्रेस काल में लाए गए जीएसटी का विरोध करने पर सवाल उठाए।
संकल्प प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीएसटी से यह सिद्ध हो गया है कि सभी राजनीतिक दल मतभिन्नता के बावजूद राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर एकमत हैं और एक होकर फैसला करते हैं। देश का राजनीतिक एकीकरण सरदार बल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में हुआ था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊजार्वान नेतृत्व में देश का आर्थिक एकीकरण हो रहा है।
चौहान ने कहा कि कांग्रेसकाल में जीएसटी कानून का नहीं बल्कि इसके स्वरूप का विरोध था। अब राज्य की चिंताएं दूर हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि अब कर अपवंचन और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगाने में मदद मिलेगी। देश ‘एक राष्ट्र एक कर’ की दिशा में आगे बढेगा। उपभोक्ताओं को भी इससे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक निवेशक हमेशा प्रश्न करते थे कि जी.एस.टी. कब लागू होगा। जीएसटी आने से निवेश बढ़ेगा और निवेश से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
चौहान ने जी.एस.टी. लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, प्रणब मुखर्जी और सोनिया गांधी का भी आभार व्यक्त किया।
विधानसभाध्यक्ष डा सीतासरण शर्मा ने संकल्प प्रस्ताव पर सदन की राय चाही तो सभी ने एक मत से समर्थन किया। इस पर शर्मा ने संकल्प को सर्वसम्मति से पारित किए जाने का एलान किया।
वहीं कांग्रेस की ओर से राज्य की बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की मांग की जिसे विधानसभाध्यक्ष ने नहीं सुना। अंत में सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

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