भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के करीबी मुकेश शर्मा ने नागार्जुन कंस्ट्रक्शन और सिंप्लेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर से बतौर कमीशन मिले 32 करोड़ रुपए इंदौर की पांच फर्जी कंपनियों में जमा कराए थे। यह राशि 2008 में 14 से 17 जून के बीच चेक के जरिए इंदौर की पांच फर्म सुमित इंटरप्राइजेज, आरआर ट्रेडर्स, तिरुपति इंटरप्राइजेज, अशोक इंटरप्राइजेज और आरपी ट्रेडर्स के खातों में जमा की गई थी।

इसके पहले 12 जून को इन कंपनियों के खाते से मुकेश ने डबरा के 17 किसानों के नाम डिमांड ड्राफ्ट बनवा लिए थे। कमीशन की राशि से भोपाल के दो स्थानों पर करीब साढ़े छह करोड़ कीमत की 5.5 एकड़ जमीन खरीदी गईं, जिसमें 17 किसानों को पार्टनर बनाया गया था। यह खुलासा ईओडब्ल्यू द्वारा मुकेश शर्मा से हुई पूछताछ और आयकर विभाग के 2008 में पड़े छापे की रिपोर्ट में हुआ है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने मुकेश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
मुकेश शर्मा के खिलाफ हुई प्राथमिकी के बाद नरोत्तम मिश्रा पर ईओडब्ल्यू का शिकंजा कस गया है। प्राथमिकी दर्ज कर ईओडब्ल्यू ने इनकम टैक्स से 2008 में मुकेश शर्मा के ठिकानों पर पड़े छापे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। 2008 में ही इनकम टैक्स ने अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश ने नागार्जुन कंस्ट्रक्शन और सिंप्लेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2007-08 में इंदौर नगर निगम में सीवेज एवं अन्य निर्माण कार्य दिलाए थे। इसके एवज में नागार्जुन ने 19.35 करोड़ और सिंप्लेक्स ने 12.68 करोड़ रुपए कमीशन दिया था।

डबरा निवासी किसान कौशल शर्मा और तीन अन्य किसानों के नाम कोलार इलाके में अवतार सिंह बेदी से 2008 में करीब पौन एकड़ जमीन 1.23 करोड़ में रुपए में खरीदी गई थी। वहीं, रतनपुर 11 मील पर विनोद वैश्य से करीब 5 करोड़ रुपए में खरीदी गई पांच एकड़ जमीन में मुकेश शर्मा के साथ डबरा के ही 13 किसान पार्टनर हैं। जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने किसानों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किए हैं।

इनकम टैक्स मुकेश शर्मा के घर छापे से जो डायरी बरामद की थी, उसमें कमीशन प्राप्त करने वाले मंत्रियों और अफसरों के नाम कोडवर्ड में लिखे गए थे। डी कोड करने के बाद इनकम टैक्स ने उन नामों का खुलासा रिपोर्ट में किया है। जिसमें तत्कालीन नगरी प्रशासन मंत्री, नगरीय प्रशासन समेत तीन प्रमुख सचिव, तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर एवं एक अन्य के नामों का खुलासा किया है। इन रिपोर्ट के मिलने के बाद जांच एजेंसी तत्कालीन मंत्री एवं प्रमुख सचिव समेत अन्य अफसरों को नोटिस जारी करेगी। इधर, मुकेश शर्मा से मंगलवार को चौथे दिन भी पूछताछ जारी रही।

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