
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुशासन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कानून-व्यवस्था भंग करने वालों के विरूद्ध सख्ती से पेश आये। श्री चौहान ने कलेक्टरों से कहा कि प्याज की खरीदी और वितरण तत्काल करें। उन्हें जरूरत पड़ने पर जिले की आवश्यकता और सुविधानुसार खरीदी केंद्र स्थापित करने के अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्याज के ट्रकों को खाली करवाये और उन्हें वापस भरकर दोबारा भेजें ताकि परिवहन की निरंतरता बनी रहे। राशन दुकानों के माध्यम से प्याज दो रूपये प्रति किलो की दर से गरीबो को बेची जायेगी। बताया गया कि प्याज खरीदी तेजी से हो रही है। मूंग खरीदी के लिए भारत सरकार की नाफेड संस्था द्वारा व्यवस्था की गई है। तुअर के लिए 80, मूंग के लिए 62 और उड़द के लिए 48 खरीदी केंद्र स्थापित किए गए हैं। ये खरीदी केन्द्र बढ़ाये जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने खरीदी की व्यवस्था पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए। राज्य शासन नाफेड को पूरा सहयोग देगा। मुख्यमंत्री ने साफ़ किया कि प्याज या अन्य उपजों की खरीदी की कोई सीमा नहीं रखी गई है। किसान जितना लाये, सब ख़रीदे।
कपास उत्पादक जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि बी टी काटन बीज की दर भारत सरकार दवारा निर्धारित दरों से ज्यादा कीमत में नहीं बिकना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कलेक्टरों को प्रभावी जन-सुनवाई करने के निर्देश दिए, ताकि जनता को समय पर सेवाएँ उपलब्ध हो जायें। मुख्यमंत्री ने ‘स्कूल चलें हम’ अभियान और नर्मदा के किनारे दो जुलाई को वृक्षारोपण की तैयारियों के सम्बन्ध में भी चर्चा की। इस अवसर पर मुख्य सचिव बी. पी. सिंह, पुलिस महानिदेशक आर. के. शुक्ला और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।