भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाली खबर (कमलनाथ के 3 करीबी आईपीएस अफसरों के खिलाफ चुनाव आयोग ने मामला दर्ज करने के आदेश दिए) पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं आकर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ फ़िलहाल कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा क्योंकि चुनाव आयोग का आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। 

आदेश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पास डेढ़ महीने पहले आ गया था

सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग ने 28 अक्टूबर 2020 को मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को CBDT की रिपोर्ट के साथ पत्र भेजा था ताकि छापों में आए नामों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कराए। यह भी कहा था कि EOW में FIR दर्ज हो। तब से यह रिपोर्ट पड़ी हुई है। बताया गया है कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले हवाला के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन का परिवहन हुआ था।

मध्य प्रदेश के किन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ FIR की खबर है

सूत्रों के मुताबिक सीनियर आईपीएस अफसर सुशोभन बैनर्जी, संजय माने, बी. मधुकुमार व राज्य पुलिस सेवा के अरुण मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज दर्ज किए जाने के आदेश दिए गए हैं। आदेश देने वाले कार्यालय का नाम भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली और आदेश प्राप्त करने वाले कार्यालय का नाम मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, भोपाल मध्य प्रदेश बताया गया है।

इन लोगों के यहां आयकर के छापे पड़े थे

कमलनाथ सरकार के दौरान उनके सलाहकार रहे राजेंद्र मिगलानी, रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी मोजर बियर के लोगों, ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़, इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी, कांट्रेक्टर अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी व हिमांशु शर्मा के यहां छापा पड़ा था। इस दौरान बड़ी मात्रा में लेन-देन के दस्तावेज, 93 करोड़ के ट्रांजेक्शन और चार करोड़ रुपए की बरामदगी हुई थी।

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