ग्वालियर। भिण्ड स्वास्थ्य विभाग में एक महिला की नौकरी लगवाने के नाम पर महिला के पति से 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकडे गए स्वास्थ्य विभाग के प्रशासनिक अधिकारी डीएन चतुर्वेदी को भिण्ड जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) योगेश कुमार गुप्ता ने कल सोमवार को 5 साल कैद की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने डीएन चतुर्वेदी को गिरफ्तार कर भिण्ड जेल भेज दिया।
विशेष लोक अभियोजक अमोल सिंह तोमर ने बताया कि भिण्ड जिले के अटेर विकास खण्ड के ग्राम गोपालपुरा निवासी महिला श्रीमती सारिका भदौरिया ने भिण्ड स्वास्थ्य विभाग में आशा सहयोगिनी के पद पर आवेदन किया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी डीएन चतुर्वेदी ने चयन समिति में नोडल अधिकारी थे। उन्होंने सारिका भदौरिया का आवेदन जांच में ले लिया। सारिका के पति श्याम सिंह भदौरिया ने जब नोडल अधिकारी डीएन चतुर्वेदी से बात की तो उन्होंने रिश्वत की मांग की। श्यामसिंह ने 20 मार्च 2014 को ग्वालियर लोकायुक्त में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की। 25 मार्च को ग्वालियर लोकायुक्त डीएसपी धर्मवीर सिंह भदौरिया मय टीम के साथ भिण्ड आए और डीएन चतुर्वेदी को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ उनके कार्यालय में ही पकड लिया।
5 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकउे जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारी डीएन चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया गया था। कल विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता ने मामले की सुनवाई करते हुए डीएन चतुर्वेदी को रिश्वत मांगने और रिश्वत लेने की धाराओं में दोषी मान लिया। डीएन चतुर्वेदी को रिश्वत मांगने की धारा में चार साल का कठोर कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। इसी तरह रिश्वत लेने की धारा में 5 साल का कारावास व 5 हजार रुपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया है।

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